जागरूकता से बदल रहे किसानों की सोच
पुरस्कृत ग्राम पंचायतों में प्रधानों ने किया प्रयास पराली न जलाने का संकल्प दिख रहा कारगर
जागरण संवाददाता, एटा: पराली जलाने के विरोध में कुछ युवा प्रधानों की पहल से अच्छे परिणाम दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत प्रोत्साहन योजना से सम्मानित हो चुकी पंचायतों में प्रधानों की सूझबूझ और पहल प्रदूषण रोकने में कारगर साबित हो रही है।
इन दिनों पंचायत चुनाव के माहौल में ज्यादातर प्रधान अपने लिए चुनावी जमीन तैयार कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी प्रधान हैं, जोकि पराली से होने वाले नुकसान को लेकर अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
अलीगंज क्षेत्र में ग्राम पंचायत सुमोर में युवा प्रधान भानु प्रताप सिंह एक माह से किसानों के मध्य पराली जलाने से होने वाले नुकसान को बता रहे हैं। खुद भी खेतों पर जाकर किसानों को पराली जलाने से रोकने के साथ ही कानूनी कार्रवाई से बचने की सलाह दे रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपनी ग्राम पंचायत में पूरी तरह से पराली जलाने से रोकने में सफलता पाई है। उन्होंने कृषि विशेषज्ञों द्वारा पराली से खाद बनाने की तकनीकी भी किसानों तक पहुंचाने का काम किया है। गांव के कुछ युवकों की टीम पराली जलाने वालों पर नजर रख रही है।
इसी क्रम में सकीट विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत थरौली में दो बार लक्ष्मीबाई महिला पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी ग्राम प्रधान मुन्नी देवी तथा उनके प्रतिनिधि सचिन यादव ने भी किसानों को संकल्प देकर पराली जलाने से रोकने का अभियान छेड़ा है। किसानों की चौपालों पर जाकर वह उन्हें जागरूक कर पराली से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने तथा अन्य लाभों के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पिछले दिनों में गांव में आयोजित चौपाल के दौरान उन्होंने प्रदूषण से भविष्य की दुश्वारियां बताई। विनोद कुमार, संतोष सिंह, पप्पू, रघुराज सिंह, मलखान सिंह, ओंकार सिंह, अनिल कुमार आदि किसान मौजूद थे।