आचार संहिता लागू होने के बाद पूरा किया किसान प्रशिक्षण का कोरम
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जागरण संवाददाता, एटा: फोटो वायरल होने के बाद उद्यान विभाग का कारनामा चर्चाओं में है। किसान विकास योजना के तहत प्रशिक्षण सत्र साल भर में कराने की फुर्सत तो नहीं मिली। आचार संहिता लागू होने के बाद वित्तीय वर्ष समाप्ति से पहले बजट के ठिकाने लगाने को दो दिवसीय प्रशिक्षण दो घंटों में निपटा दिया गया। सरकारी योजनाओं का बखान हुआ और बिना तारीख लिखा बैनर टांग कर रस्म भी पूरी कर दी।
उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। योजना के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रविधान है। पूरे साल कार्यक्रम नहीं हुआ तो विभाग को प्रशिक्षण के लिए दो लाख के बजट को खर्च करने की याद वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर आई। मंशा का अंदाजा इसी से लगता है कि 26 मार्च को सुबह 10 बजे चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगा दी थी। अधिकारियों ने उसी दिन दोपहर 12 से दो बजे तक दो दिवसीय प्रशिक्षण दो घंटे में निपटा दिया। फर्जीवाड़ा तो इसी से साफ था कि प्रशिक्षण के बैनर पर तारीख तक नहीं लिखवाई गई। किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए कोई उद्यान विशेषज्ञ तक मौजूद नहीं था। प्रशिक्षण की सूचना किसी को भी न थी सिर्फ चहेते किसानों को बुलाया गया। फोटो वायरल होने के बाद आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील कुमार ने शिकायत शासन को भेजी है। वहीं विभाग से प्रशिक्षण का फीडबैक मांगा है। चर्चा यह भी है कि इस तरह के चार प्रशिक्षण एक साथ हुए हैं। साल पहले भी ऐसा ही कारनामा:
उद्यान विभाग द्वारा फर्जीवाड़े से प्रशिक्षण बजट ठिकाने लगाने और आचार संहिता में कार्यक्रम दो साल पहले भी हुआ था। कई महीनों बाद मामला खुला तो जांच तो हुई, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
प्रशिक्षण की जानकारी किसानों को पहले दी गई थी और वह पहुंचे तो आचार संहिता से पहले ही कार्यक्रम संपन्न कर लिया गया। प्रशिक्षण मानकों के अनुरूप हुआ।
नलिन सुंदरम भट्ट, जिला उद्यान अधिकारी, एटा