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वापस हुई 80 लाख की निधि, अधर में सीसीटीवी कैमरा प्रोजेक्ट

दो साल पहले की गई प्रभावी पहल नहीं हुई कारगर पैसे का सदुपयोग नहीं कर पाया सिस्टम

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 06:10 AM (IST)
वापस हुई 80 लाख की निधि, अधर में सीसीटीवी कैमरा प्रोजेक्ट
वापस हुई 80 लाख की निधि, अधर में सीसीटीवी कैमरा प्रोजेक्ट

जासं, एटा: पैसा उपलब्ध था, डीपीआर भी बन चुका था। जगह भी चिन्हित की जा चुकी थी फिर भी शहर सीसीटीवी कैमरों की जद में नहीं आ पाया। लापरवाही इस हद तक बरती गई कि विधायकों द्वारा दी गई 80 लाख रुपये की निधि वापस हो गई और कैमरों का प्रोजेक्ट अधूरा रह गया। अपराध नियंत्रण के लिए यह कैमरे काफी मुफीद साबित होते।

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वर्ष 2019 में कैमरों के लिए पुलिस की तरफ से पहल की गई तो जनपद के चारों विधायक अपनी निधि से पैसा देने के लिए तैयार हो गए। जिले में जहां कैमरे लगने हैं उन पर 80 लाख रुपये का बजट बनाया गया। सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड ने शहर के लिए 50 लाख रुपये विधायक निधि से दिए थे। अलीगंज के विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, मारहरा के विधायक वीरेंद्र लोधी और जलेसर के विधायक संजीव दिवाकर ने 10-10 लाख रुपये के संस्तुति पत्र परियोजना निदेशक को भेज दिए थे। पीडी ने काम कराने का जिम्मा जल निगम को दे दिया, लेकिन जल निगम ने यह कहकर अपने हाथ खड़े कर दिए कि कैमरों के बारे में विभाग को कुछ भी जानकारी नहीं क्योंकि विभाग का काम तो दूसरा है। इस तरह से यह पैसा अधर में लटक गया और वर्ष 2020 में वापस चला गया। इस पैसे का आज तक उपयोग ही नहीं हुआ। वर्ष 2008 में लगे थे दो कैमरे:

वर्ष 2008 में रोडवेज बस स्टैंड व गोदाम चौकी पर दो कैमरे लगवाए थे। यह कैमरे 400 मीटर तक कवरेज के लिए थे, लेकिन कंट्रोल सिस्टम नहीं बनवाया गया। इस कारण यह कैमरे सक्रिय नहीं हो सके। उस समय भी ओवर ब्रिज से लेकर अलीगंज चुंगी, ठंडी सड़क से गंजडुंडवारा और सहावर रोड तक, असीसी कान्वेंट तक अन्य कैमरे लगवाने का प्रस्ताव पुलिस की तरफ से शासन को भेजा गया था लेकिन ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद वर्ष 2019 में शहर भर में कैमरे लगाने की बात फिर से उठी तो पुलिस ने कवायद शुरू कर दी। तत्कालीन एसएसपी ने इस पहल को आगे बढ़ाया। बाद में सब चुप बैठ गए। वायरलैस कैमरों की है योजना:

प्रस्ताव के मुताबिक जो कैमरे लगाए जाने थे वे वायरलैस वाईफाई कनेक्ट बताए गए थे। इनके संचालन के लिए अलग से कंट्रोल सिस्टम बनाया जाना प्रस्तावित था। चार विधानसभाओं में कंट्रोल रूम भी बनने थे। शहर में ईगल, अलीगंज में वाच डाग और जलेसर में आंखें कंट्रोल रूम के नाम रख लिए गए थे, लेकिन अब इन कैमरों के लिए कोई पहल नहीं कर रहा। सीसीटीवी कैमरों के लिए 50 लाख रुपये की निधि दी गई थी, लेकिन इस पैसे का उपयोग नहीं हो सका। अब पुन: पहल की जाएगी, ताकि शहर कैमरों की जद में आ सके।

- विपिन वर्मा डेविड, सदर विधायक

80-लाख रुपये कैमरों पर आने वाला खर्च

30-शहर में चिहित स्थान

4-कंट्रोल रूम

12-साल से हो रही पहल

सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना के बारे में जानकारी की जाएगी। हमारी कोशिश होगी कि शहर में सीसीटीवी कैमरे लगें, जिनका संचालक पुलिस के हाथ में हो। अपराध नियंत्रण के लिए यह एक अच्छा कदम होगा।

- ओपी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक एटा


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