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बिना अभिलेखों के संक्रमणीय कराई 18 हेक्टेयर जमीन प्रशासन ने भूदान समिति को सौंपी

तत्कालीन एसडीएम का आदेश निरस्त सर्वोदय आश्रम विद्यालय संस्था नहीं दे सकी अभिलेख

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 05:11 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 05:11 AM (IST)
बिना अभिलेखों के संक्रमणीय कराई 18 हेक्टेयर जमीन प्रशासन ने भूदान समिति को सौंपी
बिना अभिलेखों के संक्रमणीय कराई 18 हेक्टेयर जमीन प्रशासन ने भूदान समिति को सौंपी

जासं, एटा: कूटरचित दस्तावेजों से 18.243 हेक्टेयर जमीन असंक्रमणीय से संक्रमणीय करा ली गई और इसमें से कुछ हिस्सा बेचकर दो बैनामा भी कर दिए। इस मामले में जब शिकायत हुई तो जांच की गई। जांच के दौरान पाया गया कि भूदान समिति द्वारा विद्यालय की संस्था को दिए गए पट्टे का साक्ष्य संस्था उपलब्ध नहीं करा सकी। मौजूदा एसडीएम ने तत्कालीन एसडीएम सदर के आदेश को निरस्त कर दिया है और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है। जमीन भूदान समिति को सौंप दी गई है।

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मारहरा विकास खंड के गांव बरई निवासी प्रदीप कुमार ने 21 अगस्त 2021 को एक प्रार्थनापत्र जिला प्रशासन को दिया था, जिसमें कुल रकबा 18.243 हेक्टेयर के बारे में बताया गया कि यह जमीन असंक्रमणीय थी, जिसे 23 अप्रैल 2021 को संक्रमणीय घोषित कर दिया गया। असंक्रमणीय भूमिधर मंत्री सर्वोदय विद्यापीठ सर्वोदय आश्रम थे, इस मामले की जांच एसडीएम सदर अलंकार अग्निहोत्री ने की। खतौनी में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर असंक्रमणीय भूमिधर के रूप में सर्वोदय विद्यापीठ ने अपना नाम दर्ज करा लिया। इसके बाद इसी संस्था ने 28 फरवरी 2020 को नई सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन किया, जिसकी कार्यकारिणी में सात सदस्य थे। संस्था ने संक्रमणीय घोषित कराने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभिलेखों की जांच में पाया गया कि भूदान समिति कब और किसे यह जमीन दी इसका कोई साक्ष्य संस्था ने नहीं दिया। इस आधार पर एसडीएम ने इस जमीन को फिर से असंक्रमणीय घोषित कर दिया है। इससे पहले नोटिस भी दिया गया मगर निर्धारित अवधि सात दिन में कोई जवाब संस्था की तरफ से प्रशासन को नहीं मिला। जिस समय यह जमीन संक्रमणीय घोषित की गई, उस वक्त एसडीएम सदर अबुल कलाम थे। बाद में उनका तबादला हो गया। संक्रमणीय करने का उनका आदेश मौजूदा एसडीएम ने निरस्त कर दिया है। एसडीएम ने बताया कि बिना साक्ष्य के जमीन को संक्रमणीय घोषित कर दिया गया था। भूदान समिति ने यह जमीन कब और किसे आंवटित की इसका कोई अभिलेख नहीं है। जमीन के कुछ हिस्से के दो बैनामा भी कर दिए थे। अग्रिम कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।


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