Move to Jagran APP

परस्पर सुलह समझौते से निस्तारित हुए 177 मामले

जनपद न्यायालय परिसर में रविवार को लोक अदालत आयोजित की गई। सुलह समझ्

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 02:58 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 02:58 AM (IST)
परस्पर सुलह समझौते से निस्तारित हुए 177 मामले
परस्पर सुलह समझौते से निस्तारित हुए 177 मामले

जागरण संवाददाता, एटा: जनपद न्यायालय परिसर में रविवार को लोक अदालत आयोजित की गई। सुलह समझौते के दौर में 177 मामलों के निपटारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सफलता मिली। आरोपितों ने अपने जुर्म का इकबाल करते हुए 97160 रुपया जुर्माना जमा किया। वहीं याचियों को 7242049 रुपया बतौर मुआवजा व अवार्ड दिलाया गया।

loksabha election banner

लोक अदालत की शुरुआत करते हुए जनपद न्यायाधीश मृदुलेश कुमार सिंह ने सुलह के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपने क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए प्रयत्नशील रहे। ऐसी अवस्था में छोटे-छोटे विवादों को सुलह से निपटाने में योगदान देना चाहिए। परिसर में आयोजित लोक अदालत में कई आरोपितों ने अपने जुर्म का इकबाल करते हुए गुनाहों से तौबा की तथा 97160 रुपये बतौर जुर्माना अदा किए।

वहीं मोटर दुर्घटना प्रतिकर अधिकरण समेत विभिन्न वादों में याचियों को 7242049 रुपये बतौर मुआवजा व अवार्ड दिलाए गए। लोक अदालत का संचालन प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सौरभ कुमार वर्मा ने किया। इस मौके पर नोडल अधिकारी मनीष कुमार, कमलेश कंछल, खलीकुज्जमा, रमेश, पारुल जैन, विपिन कुमार, कुमार गौरव, विनोद कुमार, कैलाश कुमार, रितिश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, अनिल कुमार, मनीन्द्रपाल सिंह, कृष्ण कुमार, श्रद्धा देवा, आकांक्षा बंसल, रवि कुमार, युगल शम्भु, जाग्रति, मीना अख्तर, कमलेश कुमारी, ललित कुमार, नेहा चौधरी आदि न्यायाधिकारी मौजूद थे।

पालिकाध्यक्ष ने जल निगम पर जड़े आरोप: सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर एटा नगर पालिकाध्यक्ष ने जल निगम पर अनियमितताओं के आरोप जड़े हैं। कार्रवाई करने के लिए डीएम को पत्र लिखा है।

पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी ने कहा कि जल निगम द्वारा शहर में कराए जा रहे सीवर लाइन के कार्य में गुणवत्ता संबंधी तमाम शिकायतें मिल रही हैं। खोदाई के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में पानी सप्लाई की लाइन बंद कर दी गई है। जिसके चलते शहरवासियों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ रहा है। निगम द्वारा खोदाई की मिट्टी व अन्य सामान बिना पालिका की अनुमति के ले जाकर निकाय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। इस संबंध में जल निगम को पूर्व में जानकारी दी गई। लेकिन सुधार नहीं किया गया। सीवर लाइन डाले जाने के बाद मरम्मत कार्य समय से न कराने से जहां आवागमन की असुविधा है, वहीं हादसों की संभावना भी बनी हुई है। पालिकाध्यक्ष ने डीएम से अनुरोध किया है कि जल निगम के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। जिससे सीवर लाइन कार्य और इसकी गुणवत्ता में सुधार आ सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.