एनसीईआरटी की पुस्तक में गंगा के बारे में दी गई गलत जानकारी
एनसीईआरटी की कक्षा सातवीं में पढ़ाई जाने वाली सामाजिक विज्ञान विषय के हमारा पर्यावरण पुस्तक में कई वर्षों से गलत जानकारी दी जा रही है। इसके चलते छात्र व शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। छात्रों को सही तथ्यों से अवगत कराने में शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं। एनसीईआरटी की पुस्तकें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उपयोगी मानी जाती हैं
देवरिया: एनसीईआरटी की कक्षा सातवीं में पढ़ाई जाने वाली सामाजिक विज्ञान विषय के हमारा पर्यावरण पुस्तक में कई वर्षों से गलत जानकारी दी जा रही है। इसके चलते छात्र व शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। छात्रों को सही तथ्यों से अवगत कराने में शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं। एनसीईआरटी की पुस्तकें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में उपयोगी मानी जाती हैं। गलत जानकारी दिए जाने से जिम्मेदारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं।
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। इस प्रकाशन की सामाजिक विज्ञान विषय की हमारा पर्यावरण पुस्तक में लखनऊ शहर को गंगा तट पर स्थित होने व ऐंडीज पर्वत श्रृंखला को दक्षिण अफ्रीका में स्थित होने की गलत जानकारी दी गई है। इस पुस्तक के अध्याय आठ मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया: उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश में पेज 62 पर बताया गया है कि गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदानों में कई बड़े शहर एवं कस्बे स्थित हैं। इसकी अगली पंक्ति में लिखा है कि इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, पटना एवं कोलकाता जैसे 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर गंगा नदी के तट पर ही स्थित हैं। विषय विशेषज्ञ कहते हैं कि गंगा के मैदान क्षेत्र में (गोमती नदी के तट पर) लखनऊ शहर स्थित है, लेकिन गंगा के मैदान क्षेत्र की बजाए गंगा तट का जिक्र किए जाने से भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसी पुस्तक के अध्याय सात मानवीय पर्यावरण: बस्तियां, परिवहन एवं संचार में पेज 49 पर ऐंडीज पर्वत क्षेत्र को दक्षिणी अफ्रीका क्षेत्र में स्थित होने की गलत जानकारी दी गई है, जबकि ऐंडीज पर्वत श्रृंखला दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित है। दो जगहों पर गलत जानकारी प्रकाशित होने से न केवल छात्र, बल्कि शिक्षक भी भ्रमित हैं।
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ऐंडीज पर्वत श्रृंखला दक्षिण अमेरिका में स्थित है न कि दक्षिण अफ्रीका में। लखनऊ शहर को गंगा तट पर स्थित होने की जो जानकारी दी गई है, उसका आशय गंगा के मैदान क्षेत्र में स्थित होने से है, लेकिन शब्दों का सही चयन व सही वाक्य प्रयोग न होने से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। छात्रों को पुस्तक में प्रकाशित गलत तथ्यों से अवगत कराते हुए सही जानकारी दी जा रही है।
-राजेश कुमार, शिक्षक, सामाजिक विज्ञान, केंद्रीय विद्यालय, देवरिया
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