Move to Jagran APP

सिंगापुर में फहरा रहे हिदी व भोजपुरी की पताका

1980 में गए रामदास पांडेय के पुत्र कर्ण कुमार पांडेय तथा वीरेन्द्र पांडेय चुन्नू में से कर्ण सिगापुर में शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। चुन्नू पांडेय वहीं ट्रांसपोर्ट के कारोबार में करीब 30 वर्ष से जुटे हैं। कारोबार लगातार बढ़ रहा है। कई लोगों को रोजगार दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:59 PM (IST)
सिंगापुर में फहरा रहे हिदी व भोजपुरी की पताका
सिंगापुर में फहरा रहे हिदी व भोजपुरी की पताका

देवरिया: पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भलुअनी इलाके के सिसवा पांडेय गांव के दो सगे भाई सिंगापुर में हिदी व भोजपुरी की अलख जगा रहे हैं। तीन दशक बाद भी उनकी साधना अनवरत जारी है।

loksabha election banner

1980 में गए रामदास पांडेय के पुत्र कर्ण कुमार पांडेय तथा वीरेन्द्र पांडेय चुन्नू में से कर्ण सिगापुर में शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। चुन्नू पांडेय वहीं ट्रांसपोर्ट के कारोबार में करीब 30 वर्ष से जुटे हैं। कारोबार लगातार बढ़ रहा है। कई लोगों को रोजगार भी दिया है। इसके बावजूद वह अपनी माटी को नहीं भूले। भोजपुरी के कलाकार भी हैं। तमाम अवसरों पर उनका आना होता रहता है। कारोबार के साथ भोजपुरी की अलख जगाते रहते हैं। साथ के लोगों को भोजपुरी व हिदी सिखाते हैं। मंदिरों में आयोजन के दौरान भोजपुरी में गीत संगीत से सिगापुर के लोगों का मन मोह लेते हैं।

भारत में भी आकर अपने गांव के अलावा देवरिया बिहार के सिवान, गोपालगंज आदि स्थानों पर भोजपुरी के गीत से लोगों को मंत्रमुग्ध करते रहते हैं। भोजपुरी में चुन्नू बाबू सिगापुरी के नाम से सिनेमा भी बनाया। सिगापुर में मिल चुका है सम्मान

सिगापुर में पिछले वर्ष भारत के फिल्म अभिनेता रवि किशन व निरहुआ आदि ने चुन्नू बाबू को भोजपुरी सम्मान से नवाजा।

वीरेन्द्र पांडेय चुन्नू कारोबारी, सिगापुर, अप्रवासी ने बताया कि मेरा सपना है कि सिंगापुर के साथ अपने देश के लोगों को भी विदेश में रोजगार दिलाया जाए। उसी के तहत मैं काम कर रहा हूं। पूरी कोशिश है कि अपनी मेधा का सिगापुर में प्रदर्शन करूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राह पर चलकर देश का मान विदेश में भी बढ़ाऊ। कर्ण जगा रहे हिदी की अलख

कर्ण कुमार पांडेय सिगापुर के एक स्कूल में हिदी के शिक्षक हैं। इसके अलावा अप्रवासी लोगों के अलावा सिगापुर के लोगों को भी हिदी सिखाते व पढ़ाते हैं। सिगापुर की भाषा बखूबी जानते हैं, लेकिन ज्यादातर हिदी में ही बातचीत करने की कोशिश करते हैं। सिगापुर के तमाम लोग उनको हिदी सिखाने के लिए बुलाते हैं। हिदी के नाम पर वह सभी काम छोड़कर लोगों के बीच जाते हैं। सिगापुर में हिदी अकादमी से उन्हें कई बार तारीफ मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.