देवरिया-बलिया पुल उड़ाने की साजिश तो नहीं थी
शाम को पहुंच बम निरोधक दस्ता ने शुरू की जांच
देवरिया: देवरिया-बलिया को जोड़ने वाले भागलपुर पुल के नीचे हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। पुलिस प्रशासन भी सकते में है। कहीं पुल को उड़ाने की किसी ने साजिश तो नहीं रची थी। अब लोग इसे लेकर तरह-तरह की बात कहने लगे हैं। लोगों का कहना है कि सेना को मिलने वाले हैंड ग्रेनेड आखिर किसके हाथ लग गया कि वह पुल के नीचे फेंक दिया। इसमें किसी आतंकी संगठन के भी हाथ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उधर पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग भी इस पूरे प्रकरण पर नजर रखे है। पुलिस के आला अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इससे पर्दा उठा दिया जाएगा।
देवरिया जनपद में अभी तक सुतली बम ही मिला था। पहली बार सेना को दिया जाने वाला ताकतवर हैंड ग्रेनेड मिला है। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोगों का कहना है कि इसमें आतंकी संगठनों का हाथ हो सकता है। एकांत में ले आकर पुल के नीचे हैंड ग्रेनेड को रख दिया गया। अगर उसका पिन निकल जाता तो पक्का पुल के साथ ही कुछ दूरी पर मौजूद भटनी-वाराणसी रेल खंड के पुल पर भी असर पड़ जाता। इस धमाके से भागलपुर कस्बा के साथ ही आस-पास के दुकानदार भी मौत की नींद सो जाते। हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद लोगों में दहशत व्याप्त है। सबसे अधिक दहशत तो भागलपुर कस्बे के बिनु मसीह व विनीत मसीह के चेहरे पर था। दोनों लड़कों ने बताया कि वह मछली रखने के लिए काला प्लास्टिक समझकर उसे उठाने गए तो देखे कि उसमें कुछ भारी सामान है। इसलिए उसे नहीं छूए और आस-पास के लोगों को सूचना दिए।
-----------
इनकी तो जा सकती थी जान
भागलपुर कस्बा निवासी बिनु मसीह व विनीत मसीह
भागलपुर कस्बे के बिनु मसीह व विनीत मसीह मछली पकड़ने पुल के नीचे गए। मछली पकड़े और उसे रखने के पालीथिन की तलाश करने लगे। उनकी नजर कुछ दूर स्थित एक पालीथिन पर पड़ी तो वह उसे खींचे तो उसमें हैंड ग्रेनेड देखे। इसके बाद वह शोर करने लगे। शोर सुन चरवाहे पहुंचे और पुलिस को सूचना दिए। कहा जा रहा है कि अगर वह गेंद समझ कर उसका पिन खींच देते तो बड़ा हादसा हो जाता। गांव के युवकों का कहना है कि कल भी वह मछली मारने के लिए वहां गए थे, लेकिन उन्हें वह हैंड ग्रेनेड नजर नहीं आया।
-----------------------------
दो साल पहले आतंकियों के आने की उठी थी हवा
भागलपुर पुल के नीचे हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दो साल पहले खुखुंदू थाना क्षेत्र में आतंकियों के आने की सूचना जिला प्रशासन को मिली तो एटीएस समेत अन्य टीमें पहुंची और कई घरों की तलाशी भी ली। लेकिन पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लग सका। अब एक बार फिर हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद आतंकियों के आने की हवा उड़ने लगी है। अब देखना है कि पुलिस इस पूरे प्रकरण से कब तक पर्दा उठाती है।