उधार चुकाने से बचने के लिए कराई थी लूट, सराफा व्यवसायी समेत तीन गिरफ्तार
सराफा व्यवसायी सूरज वर्मा ने करीब 25 लाख रुपये के उधार चुकाने से बचने के लिए अपने छोटे भाई व उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर अपनी दुकान में लूट कराई थी।
देवरिया: सराफा व्यवसायी सूरज वर्मा ने करीब 25 लाख रुपये के उधार चुकाने से बचने के लिए अपने छोटे भाई व उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर अपनी दुकान में लूट कराई थी। पुलिस ने सराफा व्यवसायी, उसके भाई व लूट करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित दूसरा दोस्त अभी फरार है। पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने सोमवार को पुलिस लाइंस स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित प्रेसवार्ता में 32 लाख रुपये लूटकांड का पर्दाफाश करते हुए यह जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस टीम ने उनकी निशानदेही पर लूटे गए 13.50 लाख रुपये मूल्य के 215.16 ग्राम सोने के आभूषण व 4.15126 किलोग्राम चांदी के आभूषण बरामद किया। घटना में प्रयुक्त अवैध पिस्टल व दो जिदा कारतूस, बाइक बरामद किया। पर्दाफाश करने वाली एसओजी व पुलिस टीम को एडीजी गोरखपुर ने 25 हजार, डीआइजी गोरखपुर ने 20 हजार व एसपी ने 15 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की। बताया कि 19 जनवरी को रुद्रपुर रोड पर लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास स्थित गीता ज्वैलर्स नाम की दुकान में लूट हुई थी। मलकौली गांव का रहने वाला सराफा व्यवसायी सूरज वर्मा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। एएसपी डा.राजेश कुमार सोनकर की निगरानी में सीओ नगर श्रीयश त्रिपाठी के नेतृत्व में एसओजी व पुलिस टीम पर्दाफाश में लगी थी। सराफा व्यवसायी सूरज व उसके छोटे भाई अजय वर्मा के मोबाइल फोन का सीडीआर (काल डिटेल रिकार्ड) व सीसी फुटेज के आधार पर जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो सच्चाई सामने आ गई। पुलिस ने सूरज वर्मा, उसके छोटे भाई अजय वर्मा व लूट करने वाला आरोपित रामपुर कारखाना के गुदरी गांव का रहने वाला शुभम मौर्य को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दोस्तों को देना था 20-20 हजार रुपये
सराफा व्यवसायी व उसके छोटे भाई ने दोस्त शुभम मौर्य व एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी। दोनों दोस्तों को 40 हजार रुपये देना तय हुआ। चार हजार रुपये एडवांस दिए गए। व्यवसायी ने 15 व 16 जनवरी को डायल 112 पर फोन कर ट्रायल किया। घटना के एक दिन पूर्व 18 जनवरी को दोनों दोस्तों ने दुकान की रेकी थी। लूट में शुभम की बाइक का प्रयोग हुआ। 19 जनवरी को योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम देकर बैतालपुर के रास्ते बैकुंठपुर की तरफ भाग निकले थे।