अस्पताल की चादर लपेट कर कोरोना संदिग्धों का लिया नमूना
देवरिया जिला अस्पताल के डाक्टरों व पैथालाजिस्ट की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
देवरिया: स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस के मरीजों को लेकर गंभीर है लेकिन अपने डाक्टरों व कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। शनिवार को जिला अस्पताल में 14 कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेने के लिए चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया तो पैथालाजिस्ट ने पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्टिव किट) देख नाराजगी जताई। उसमें गले के उपर मुंह ढकने के लिए था ही नहीं। उन्होंने इसकी शिकायत सीएमओ व सीएमएस से की और एक घंटे बाद जुगाड़ से अपने आप को सुरक्षित कर आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के संदिग्धों का ब्लड सैंपल लिया गया।
यहां डा. डीके सिंह, पैथालाजिस्ट डा. अकवम सिद्दीकी, आरपी सिंह, स्टाफ नर्स कमलेश सिंह की टीम को सैंपल लेना था। डा. डीके सिंह आइसोलेशन वार्ड में पहुंच कर सभी लोगों का नाम पता नोट कराने के बाद अन्य लोगों का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में ब्लड बैंक में डा. अकवम को बुलाया गया तो वह मिले पीपीई किट को देख कर भड़क गए और कहा कि यह न प्लास्टिक कोटेड है और न ही मुंह ढकने के लिए ही इसमें कुछ है। उन्होंने कहा कि जब तक बेहतर पीपीई किट नहीं मिलेगा मैं आइसोलेशन वार्ड में नहीं जाउंगा। ऐसे में सीएमएस डा. छोटेलाल मौके पर पहुंचे और सिर व चेहरे पर पहनने वाले कैप का इंतजाम किए तब वो जांच के लिए गए। इसमें अस्पताल की चादर व दो कपड़ा ओटी में पहनने वाले वस्त्र को बांधने के बाद मिले पीपीई किट को पहने। सिर तो उनका ढका लेकिन चश्मा पहनने के बाद वह अपना व्यक्तिगत मास्क लगाए बावजूद इसके उनके चेहरा का हिस्सा खाली दिख रहा था। उन्होंने कहा कि हम कोरोना के मरीज का सैंपल ले रहे हैं और खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सीएमएस डा. छोटेलाल ने कहा कि पूरी सुरक्षा के साथ सभी डाक्टरों को आइसोलेशन में भेजा जा रहा है। बेहतर पीपीई किट की व्यवस्था की जा रही है।