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भरत चरित्र का बखान सुन गदगद हुए श्रोता

क्षेत्र के बापू कृषक इंटर कॉलेज कड़सरवा बुजुर्ग के प्रांगण में चल रहे श्रीराम कथा में गुरुवार को कथा व्यास राजन जी महाराज ने भरत चरित्र का जीवन्त वर्णन किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 09:14 PM (IST)
भरत चरित्र का बखान सुन गदगद हुए श्रोता
भरत चरित्र का बखान सुन गदगद हुए श्रोता

देवरिया: क्षेत्र के बापू कृषक इंटर कॉलेज कड़सरवा बुजुर्ग के प्रांगण में चल रहे श्रीराम कथा में गुरुवार को कथा व्यास राजन जी महाराज ने भरत चरित्र का जीवन्त वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि इस संसार में भरत जैसा भाई मिलना मुश्किल है। माता कैकेयी द्वारा राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास व भरत के लिए राजगद्दी का वरदान मांगने व राजा दशरथ द्वारा अपने वचन को पूरा किये जाने के बावजूद भी भरत ने गद्दी पर बैठने से इंकार कर दिया। वे अपनी माता कैकेयी को कोसते हुए बड़े भाई श्रीराम को मनाने व वापस बुलाने के लिए वन को निकल पड़े। भरत जी के दिल में बड़े भाई श्रीराम जी के प्रति जो अगाध प्रेम था, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि भरत का चरित्र समूचे संसार के लिए एक मिसाल है।

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