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हाईस्कूल में सुजीता व इंटर में साजिद टापर

देवरिया में हाईस्कूल की हर्षिता व श्रुति गोंड व इंटर में संजना रहीं द्वितीय।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 11:23 PM (IST)
हाईस्कूल में सुजीता व इंटर में साजिद टापर
हाईस्कूल में सुजीता व इंटर में साजिद टापर

देवरिया: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा का परिणाम शनिवार की दोपहर घोषित हो गया। इस बार जिले का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिलों से देवरिया न केवल पिछड़ गया, बल्कि पूरे प्रदेश में हाईस्कूल व इंटर में 71वें स्थान से संतोष करना पड़ा।

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हाईस्कूल में सीएस मेमोरियल इंटर कालेज बेलकुंडा बनसप्ती बाजार की छात्रा सुजीता निषाद ने 92.83 फीसद अंक व इंटर में डा.बीआर अंबेडकर ग‌र्ल्स इंटर कालेज बघौचघाट के छात्र साजिद अंसारी ने 88 फीसद अंक हासिल कर जनपद टाप किया। हाईस्कूल में एमपी इंटर कालेज कुर्मीपट्टी पथरदेवा की हर्षिता शुक्ला व श्रीकृष्ण एसएस इंटर कालेज भलुअनी की श्रुति गोंड ने 92.67 फीसद और इंटर में इंदिरा गांधी ग‌र्ल्स इंटर कालेज सलेमपुर की संजना शाह ने 86.80 फीसद अंक पाकर द्वितीय स्थान हासिल किया। हाईस्कूल में बंधुनाथ इंटर कालेज मायापुर इमिलिया भटनी की रश्मि तिवारी ने 92.17 और इंटर में राजकीय इंटर कालेज के आशुतोष पांडेय व एसएस शाही स्मारक इंटर कालेज बैकुंठपुर की प्रीति यादव ने 85.40 फीसद अंक पाकर तृतीय स्थान हासिल किया।

आइएएस बनकर देश की सेवा करूंगा: साजिद

इंटर टापर साजिद अंसारी आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। डा. भीमराव अंबेडकर ग‌र्ल्स इंटर कालेज बघौचघाट के छात्र साजिद ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। उनका कहना है कि कालेज में पढ़ाई के बाद घर पर छह से सात घंटे पढ़ाई किए। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता महमूद एक निजी कंपनी में कार्य करते हैं। मां रुबिया खातून गृहिणी हैं। दो बहन व एक भाई हैं। साजिद ने हाईस्कूल में भी 88 फीसद अंक प्राप्त किया था।

अफसर बनकर माता-पिता का सपना साकार करूंगी: सुजीता

हाईस्कूल टापर सुजीता निषाद सीएस मेमोरियल इंटर कालेज बेलकुंडा बनसप्ती बाजार की छात्रा हैं। वह आइएएस बनकर माता-पिता के सपना पूरा करना चाहती हैं। पिता दुर्गेश निषाद दुबई में रहते हैं। माता श्रीमतीदेवी गृहिणी हैं। सुजीता कहती हैं कि लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करने से सफलता मिली। मैंने कोचिग या ट्यूशन नहीं किया। सुबह चार से सात बजे तक व शाम को छह से रात नौ बजे तक हर दिन पढ़ाई की। जिसमें गुरुजनों का बड़ा सहयोग मिला।


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