सर, आइएएस बनने की क्या योग्यता है, तैयारी कैसे करें
देवरिया में आयोजित बाल संवाद में जिला पंचायत राज अधिकारी से विद्यार्थियों ने पूछे ढेरों सवाल कठिन परिश्रम को बताया सफलता का मूलमंत्र।
देवरिया: दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम में जिला पंचायत राज अधिकारी आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने विकास भवन सभागार में मंगलवार को छात्रों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि जीवन में कोई भी कार्य कठिन नहीं है। उसे पाने के लिए इमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ परिश्रम करना होगा। पढ़ाई के दौरान ही लक्ष्य का निर्धारण हो जाना चाहिए।
कहा कि अपनी रूचि के अनुसार विषय का निर्धारण करें। ऐसा करने से हम मन से पढ़ेंगे और विषय हमें जल्दी याद होंगे। छात्रों ने करियर से संबंधित कई सवाल किए। जिसका उन्होंने जवाब दिया। जगदीश सीनियर सेकेंड्री स्कूल, भगिनी निवेदिता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, होली एंजल्स पब्लिक स्कूल के छात्रों ने प्रतिभाग किया।
विद्यार्थियों ने किए यह सवाल
प्रश्न: लक्ष्य का निर्धारण करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
उत्तर: जीवन में जो व्यक्ति लक्ष्य का निर्धारण नहीं करता है उसके असफल होने की संभावना अधिक होती है। लक्ष्य विहीन व्यक्ति कुछ भी हासिल नहीं कर पाता। पढ़ाई के समय ही रूचि के अनुसार विषयों के आधार पर लक्ष्य का निर्धारण करें और कठिन परिश्रम करें। सफलता जरूर मिलेगी।
प्रतीक यादव, जगदीश सीनियर सेकेंड्री स्कूल प्रश्न: इंजीनियर बनना चाहती हूं, कृपया मार्ग दर्शन करें।
उत्तर: इंजीनियर बनने के लिए मैथ से इंटरमीडिएट बीटेक या इंजीनियरिग की प्रतियोगी परीक्षा पास कर दाखिला ले सकती हैं। अच्छे संस्थानों में मेरिट अच्छा आने पर फ्री सीट पर एडमीशन होने पर फीस कम लगती है। इसलिए इसकी तैयारी पूरे मनोयोग से करें। एक अच्छा इंजीनियर बन कर आप अपना सपना पूरा कर सकती हैं।
आंचल चौरसिया, जगदीश सीनियर सेकेंड्री स्कूल। प्रश्न: डाक्टर बनना चाहती हूं। कौन सा विषय पढ़ना पड़्ता है।
उत्तर: डाक्टर बनने के लिए इंटरमीडिएट में बाइलोजी अनिवार्य है। उसके बाद प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एमबीबीएस, बीएमएस आदि में दाखिला मिलता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अभी से विषयों को बेहतर ढंग से पढ़ें। आज की ही पढ़ाई जीवन भर काम आती है। यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
संध्या चौरसिया, जगदीश सीनियर सेकेंड्री स्कूल। प्रश्न: एयरहोस्टेस बनने की क्या योग्यता है। उसके लिए क्या करना पड़ता है।
उत्तर: इसके लिए इंटर तक साइंस अनिवार्य है। उसके बाद बीकाम, बीए, बीएससी कर सकते हैं। फीजिक्स, कमेस्ट्री व मैथ के साथ-साथ अंग्रेजी का ज्ञान भी अति आवश्यक है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने आना चाहिए। तमाम संस्थान इसके लिए फार्म निकालते हैं। उसे भरिए और तैयारी कीजिए। जरूर सफलता मिलेगी।
प्रीती चौरसिया, जगदीश सीनियर सेकेंड्री स्कूल। प्रश्न: लक्ष्य प्राप्ति के लिए क्या करें, आपने कैसे लक्ष्य प्राप्त किया।
उत्तर: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इमानदारी से प्रयास करें। हमेशा याद रखें, मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। पढ़ाई से क्या पाया इसका मूल्यांकन करें। दिखावे के लिए पढ़ रहे हैं तो सब बेकार है। दो घंटे ही पढ़े लेकिन वह याद होना चाहिए। मैने चौथे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की।
नीशू चौरसिया, भगिनी निवेदिता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर प्रश्न: आइएएस में सफलता के लिए कैसे तैयारी की जाती है।
उत्तर: आइएएस बनने के लिए किसी भी विषय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इसके बाद विषय का चयन कर तैयारी करनी चाहिए। कई लोग माध्यम चुनने में भटक जाते हैं। हिदी या अंग्रेजी माध्यम वही चुनें जिस पर पकड़ हो। इससे सफलता मिलने में आसानी हो जाएगी। विषय के अलावा हर क्षेत्र में आपको जानकारी बढ़ानी होगी।
प्राची गुप्ता, भगिनी निवेदिता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर। प्रश्न: फोर्स में अधिकारी बनना चाहता हूं, इसके लिए क्या करना होगा।
उत्तर: इंटर मीडिएट की परीक्षा साइंस से पास कर फोर्स में अधिकारी बन सकते हैं। इसके लिए एनडीए की तैयारी करें। परीक्षा पास करने के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति होती है। इसके अलावा साइंस से स्नातक के बाद भी सीडीएस की परीक्षा देकर फोर्स में अधिकारी बन सकते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी फिट होना चाहिए।
धैर्य कुमार राय, होली एंजल्स पब्लिक स्कूल। प्रश्न: एमबीबीएस करने के बाद क्या हम आइएएस बन सकते हैं।
उत्तर: एमबीबीएस, आइआइटी करने के बाद भी आप आइएएस की परीक्षा दे सकती हैं। काफी पहले इसे प्रतिबंधित किया गया था कि डाक्टर की डिग्री लेने के बाद फिर आइएएस परीक्षा में नहीं बैठ सकते लेकिन अब रोक को हटा दी गई। बेहतर होगा कि जब आइएएस बनाना है तो पहले से ही इस तरफ ध्यान लगाया जाय। लक्ष्य एक रहना चाहिए।
फिजा अंजुम, होली एंजल्स पब्लिक स्कूल दैनिक जागरण का यह कार्यक्रम काफी अच्छा है। कई सवालों के जवाब मिले।
अर्चना गुप्ता, होली एंजल्स पब्लिक स्कूल।
सीधे संवाद करने से नया अनुभव मिला। मन में कई जिज्ञासा थी जो शांत हुई।
जागृति द्विवेदी, भगिनी निवेदिता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर। करियर से संबंधित कई रोचक जानकारी मिली, यह भविष्य में काम आएगी।
अदिति त्रिपाठी, भगिनी निवेदिता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर। सर ने काफी अच्छे तरीके से मार्ग दर्शन किया। बात करने से काफी जानकारी मिली।
अरुण सिंह, होली एंजल्स पब्लिक स्कूल।