सिलाई केंद्र संचालक से रसूखदार बन गई गिरिजा
खुखुंदू थाना क्षेत्र के रुपई गांव में पैदा हुई गिरिजा त्रिपाठी की शादी इसी थाने के नूनखार गांव में मोहन त्रिपाठी के साथ हुई थी। दोनों परिवारों में काफी नजदीकी होने के चलते संपर्क रिश्ते में बदल गए। दोनों परिवारों की माली स्थिति कमोवेश एक जैसी रही।
देवरिया : खुखुंदू थाना क्षेत्र के रुपई गांव में पैदा हुई गिरिजा त्रिपाठी की शादी इसी थाने के नूनखार गांव में मोहन त्रिपाठी के साथ हुई थी। दोनों परिवारों में काफी नजदीकी होने के चलते संपर्क रिश्ते में बदल गए। दोनों परिवारों की माली स्थिति कमोवेश एक जैसी रही। शादी के बाद भटनी चीनी मिल में नौकरी करने लगे और गिरिजा त्रिपाठी वही ¨वध्यवासिनी सिलाई केंद्र संचालन करने लगी। इसी बीच चीनी मिल बंद हो गई और परिवार की माली स्थिति कमजोर हो गई। गिरिजा त्रिपाठी ने हिम्मत नहीं हारी और सिलाई केंद्र संचालन के साथ-साथ समाजसेवा में सक्रियता बढ़ा दी। वह भटनी से देवरिया आकर रहने लगी और एनजीओ संचालक बन गई। गिरिजा त्रिपाठी एनजीओ संचालन के साथ बेटे की पढ़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बेटे को उच्च तकनीकी शिक्षा के साथ टीचर बनाने में कामयाब रहीं और शादी भी टीचर लड़की से कर बहू बनाया।