किसानों की किस्मत पर तबाही की धारा
सरयू नदी किसानों का पांच बीघा खेत निगल गई। जमीन के साथ बोई फसल भी बर्बाद हो गई है। बचाव के नाम पर दस वर्ष बाद भी इंतजाम नहीं हो सका है।
देवरिया: खेत और उसमें खड़ी फसल किसान की किस्मत होती है। इस पर तबाही की धारा बह रही है। वे बर्बाद हो रहे हैं। जिले की राप्ती और सरयू नदी कहर बरपा रही हैं। एक पखवारे में फसल से लहलहाता काश्तकारों का पांच बीघा खेत सरयू की धारा में बह गया। किसान परेशान हैं।
तबाही का यह दायरा बढ़ रहा है। इससे राप्ती पर बना उग्रसेन सिंह सेतु, राष्ट्रीय राजमार्ग सहित गांव की आबादी पर खतरा मंडराता दिख रहा है। कपरवार गांव से दक्षिण सरयू 15 दिन से कटान कर रही है। नदी की धारा सीधे संगम तट से टकरा रही है। दस वर्ष से कटान जारी है। इसके बावजूद बचाव का कोई उपाय नहीं हुआ।
ग्रामीण तेजनारायण सिंह, झाबर गुप्ता, सुखारी यादव, ज्ञानेश्वर सिंह, बबलू सिंह, सिध्हेश्वर सिंह, सुरेश यादव बताते हैं कि गेहूं और अरहर की फसल बोई गई थी। कटान से नुकसान पहुंचा है। अनेक बार अधिकारियों को जानकारी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एसडीएम सुनील सिंह ने कहा कि निरीक्षण कर बचाव कार्य के संबंध बाढ़ खंड के अधिकारियों को पत्र लिखूंगा। इस पर प्रभावी कदम उठाया जाएगा।