अधिवक्ता की पिटाई के मामले ने पकड़ा तूल, जमकर हंगामा
सदर कोतवाली पुलिस ने भूमि विवाद को लेकर सेवानिवृत्त न्यायाधीश के अधिवक्ता पुत्र की बुधवार की रात मुंह बांध कर पिटाई करने की जानकारी मिलने पर गुरुवार को अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में जमकर हंगामा किया।
देवरिया: सदर कोतवाली पुलिस ने भूमि विवाद को लेकर सेवानिवृत्त न्यायाधीश के अधिवक्ता पुत्र की बुधवार की रात मुंह बांध कर पिटाई करने की जानकारी मिलने पर गुरुवार को अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में जमकर हंगामा किया। अधिवक्ता एसडीएम व शहर कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर करीब दो घंटे तक हंगामा होता रहा। उधर घायल अधिवक्ता ने शहर कोतवाल तथा पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहरीर दी है।
अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखकर अधिकारी व पुलिस कर्मी डीएम कार्यालय के चैनल में भाग खड़े हुए। कोतवाल अनुज सिंह जिलाधिकारी के कक्ष में जाकर छिप गए। आक्रोशित अधिवक्ता कोतवाल को डीएम के चैंबर से बाहर निकालने की मांग पर अड़ गए। इस बीच जिलाधिकारी कार्यालय का चैनल बंद कर दिया गया। इसके बाद माहौल और गरम हो गया। प्रशासन के बैकफुट पर होने के बाद सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने कमान संभाल एक सिपाही के साथ अधिवक्ताओं के बीच में पहुंच गए। सीओ सिटी ने किसी तहर से अधिवक्ताओं को मनाकर पूरे प्रकरण की जांच कराने, पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने समेत अन्य कार्रवाई करने का आश्वासन देकर अधिवक्ताओं को शांत किया। सीओ सिटी किसी तरह समझा-बुझाकर घायल अधिवक्ता को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेज दिए। वहां विलंब होने लगा। जिसके बाद अधिवक्ता आक्रोशित होकर पुलिस व प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए धरना दिया।
यह है मामला
शहर के उमानगर के रहने वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश दुर्गा प्रसाद जायसवाल के अधिवक्ता बेटे विष्णु कुमार जायसवाल की सुभाष चौक के समीप रामजानकी मंदिर के पास दुकान थी। एक दिन पूर्व प्रशासन ने शहीद रामचंद्र विद्यार्थी स्मारक बनाने के लिए उनकी व अन्य जर्जर दुकानों को ध्वस्त करा दिया। विष्णु का आरोप है कि बुधवार की रात कोतवाली पुलिस उनका मुंह बंद कर कोतवाली ले गई। कोतवाली में रात में पिटाई करने के बाद भोर में छोड़ दी। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उनके हाथ व शरीर के कुछ अन्य अंगों पर चोट के निशान हैं। गुरुवार की सुबह इस मामले की जानकारी अधिवक्ताओं को हुई। अधिवक्ता विष्णु के हाथ व गले में चोट का निशान देखने के बाद अधिवक्ता उग्र हो गए। उसके बाद दीवानी कचहरी से प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी के चैंबर में पहुंचकर हंगामा करने लगे। अधिवक्ताओं की मांग थी कि शहर कोतवाल अनुज कुमार सिंह को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। हंगामा बढ़ता देख कलेक्ट्रेट में अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सोनकर, सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंच गए। इस बीच डीएम के चैंबर में अपर जिलाधिकारी प्रशासन कुंवर पंकज, मुख्य राजस्व अधिकारी अमृत लाल बिद भी पहुंच गए। ..तो अधिवक्ता की मुंह बांध कर की गई पिटाई
अधिवक्ता विष्णु कुमार जायसवाल का कहना है कि दुकान का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। विपक्षी की प्रशासन में मजबूत पकड़ होने के चलते एक दिन पूर्व दुकान को एसडीएम सौरभ सिंह की मौजूदगी में तोड़वा दिया गया। रात को साढ़े नौ बजे कोतवाल व अन्य सिपाही आए और उन्हें लेकर कोतवाली चले गए। उनके मुंह पर कपड़ा डाल कर उनकी पिटाई की गई। साथ ही सुबह छोड़ते समय यह धमकी दी गई कि कहीं भी जाओगे तो तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच
जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिसमें एडीएम वित्त व राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, एएसपी राजेश कुमार सोनकर, एएसडीएम गजेंद्र कुमार शामिल हैं। इसमें डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरी भी जांच के दौरान अधिकारियों के साथ मौजूद रहेंगे।