480 घर बाढ़ से घिरे, 750 बीघा फसल डूबी
देवरिया के मदनपुर-केवटलिया तटबंध की ठोकर पर तेज हो रही है कटान।
देवरिया: भले ही सरयू, राप्ती, गोर्रा के नदी के जलस्तर में लगातार कमी हो रही है। लेकिन दुश्वारी कम नहीं हो रही है। बरहज क्षेत्र में राप्ती नदी की बाढ़ से भदिला प्रथम गांव के 480 घरों में रह रहे परिवार घिरे हैं। गांव की करीब 750 बीघे में बोई गई धान व अन्य खरीफ की फसल डूब गई है। 183 पशुओं के सामने चारे की समस्या है।
रुदपुर संवाददाता के अनुसार गोर्रा व राप्ती नदी का जलस्तर कम होने से कटान का खतरा बढ़ गया है। सबसे अधिक गंभीर स्थिति जमींदारी बांध की है। मदनपुर संवाददाता के अनुसार पानी से घिरे पटवनिया, सोनबह, भदिला प्रथम के सर्वाधिक संकट में हैं। मदनपुर-केवटलिया तटबंध के ठोकर पर तेज कटान हो रही है। गांव के बालमुकुंद यादव, बुलबुल सिंह, सुनील यादव, रामप्रवेश यादव, विजय यादव, धर्मराज यादव का कहना है कि विभाग कटान से ठोकर बचाने का कोई उपाय नहीं हो रहा है।
डीएम व एसपी ने सुनीं समस्याएं
रविवार को बाढ़ प्रभावित गांव भदिला प्रथम का डीएम अमित किशोर व एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने दौरा किया। दोनों अधिकारी एनडीआरएफ टीम के साथ नाव से गांव में पहुंचे। शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए। कुछ लोगों को राहत सामग्री का किट दिया गया। लेखपाल को गांव का सर्वे कर प्रभावित लोगों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होंने गांव में राशन, पेयजल, चिकित्सा, पशु चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि भदिला प्रथम, कटइलवा, परसिया देवार व विशुनपुर देवार बाढ़ से प्रभावित गांव हैं। ग्रामीणों ने पशुओं के लिए चारे की समस्या उठाई तो एडीएम वित्त एवं राजस्व उमेश कुमार मंगला ने बताया कि सोमवार को भूसा वितरित होगा। डीपीआरओ आनंद प्रकाश, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.विकास साठे, उपजिलाधिकारी सुनील सिंह, तहसीलदार वंशराज मौजूद रहे।
एनडीआरएफ ने आपदा से बचाव का बताया तरीका
भदिला प्रथम गांव में आरआरसी एनडीआरएफ गोरखपुर की टीम ने आपदा से बचाव की जानकारी दी। इंस्पेक्टर डीपी चंद्रा ने कहा कि सांप के काटने पर पीड़ित को तत्काल अस्पताल ले जाएं। उन्होंने प्राथमिक उपचार का भी तरीका बताया। कोरोना से बचाव, डूबने के दौरान बचाव के बारे में भी जानकारी दी। शंभू यादव, अशोक सिंह, राकेश कुमार, विजय प्रकाश मौजूद रहे।
ग्रामीणों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. हरेंद्र कुमार, डा. कार्तिकेय कन्नौजिया, डा.एसपी गुप्त, डा. शैलेंद्र कुमार ने डेढ़ सौ से अधिक लोगों का स्वस्थ्य परीक्षण कर दवाएं दीं। जिलाधिकारी ने एक हजार मास्क वितरित कराया।
जलस्तर घटने के बाद भी खतरे के निशान से ऊपर नदियां
सरयू, राप्ती, गोर्रा व छोटी गंडक के जलस्तर में गिरावट जारी है। 24 घंटे में सरयू 35 सेमी, राप्ती 10 सेमी, गोर्रा नदी 25 सेमी व छोटी गंडक 35 सेमी घटी है। सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर, राप्ती 10 सेंटीमीटर, गोर्रा 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वहीं छोटी गंडक खतरे के निशान से 45 सेमी नीचे है।