भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी
श्रीराम का जन्म होते ही अयोध्या में खुशी से झूम उठे नर-नारी
देवरिया: उपनगर स्थित बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर के समीप आयोजित राम लीला के दौरान मंगलवार की रात कलाकारों ने भगवान राम के जन्म की लीला का भावपूर्ण मंचन किया। जिसे दर्शक निहाल हो उठे। लीला की शुरूआत में एक दिन राजा दशरथ महल में चिता की मुद्रा में बैठे थे। इसी बीच उनके कुल पुरोहित महर्षि वशिष्ठ का आगमन होता है। महर्षि पूछते हैं राजन आप किस सोच के सागर में डूबे हैं। राजा के कहते है कि हे मुनि राज, मेरा चौथा पन चल रहा है। मुझे संतान का सुख नहीं मिला। जिस महर्षि वशिष्ठ उनसे पुत्रेष्ठी यज्ञ कराने को कहते हैं। राजा यज्ञ का अनुष्ठान करते हैं। जिसके प्रभाव से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती हैं। इस दौरान अयोध्या में बधाई गीत के अलावा भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी .. गूंज उठती है। पुत्रों का नामकरण होता है जिसमें राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुध्न रखा जाता है। इसके अलावा ताड़का वध की लीला का मंचन किया गया। लीला का उदघाटन दीनानाथ साहनी ने किया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह एडवोकेट, राजपति तिवारी, कमलेश सिंह, जितू जायसवाल, मृत्युंजय गिरी, अनिरुद्ध मद्देशिया, अजय गुप्ता, पन्ने लाल यादव, योगेन्द्र गोंड सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।