कृषि गोदाम पर दलहन बीज की किल्लत, किसान परेशान
देवरिया में गेहूं का बीज न मिलने से किसान परेशान हैं।
मेहरौनाघाट, देवरिया: किसानों की खरीफ की फसल चौपट हो गई। रबी की बारी आई तो कृषि विभाग ने दलहनी बीजों के लिए हाथ खड़े कर दिए। प्राइवेट दुकानों पर दलहनी फसलों के बीज तो हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता को लेकर किसान परेशान हैं। किसानों के प्रति सरकार जो दावे करती है वह हवा-हवाई है। सरकारी गोदामों पर मटर, चना, मसूर के बीज नहीं हैं। किसान परेशान हैं। कृषि गोदाम पर केवल गेहूं का बीज है। मटर, चना, मसूर गायब हैं।
लार के कृषि गोदाम पर मटर, चना व मसूर का 40-40 किलो बीज आया था। आते ही एक-दो प्रभावशाली किसान बीज ले गए। लार क्षेत्र के 71 गांवों के लिए सिर्फ 40 किलो बीज आया है। इस क्षेत्र में 105995 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर गत वर्ष रबी की बोआई हुई थी। फिलहाल जल जमाव की वजह से कई खेतों में दिसंबर तक पानी भरे रहने का अनुमान है। ऐसे में रबी की बोआई का क्षेत्रफल घटेगा। ऊंची जमीन वाले खेतों को जोत कर तैयार करने के बाद जब किसान चना, मसूर, एवं मटर के बीज के लिए कृषि गोदाम पर जा रहे हैं तो उन्हें निराशा मिल रही है। मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक दलहनी फसल बोने का बेहतर समय है।
दलहनी बीज के अलावा तिलहनी बीज का भी कृषि गोदाम पर अभाव है। अलसी का बीज तो आया ही नहीं, सरसो का बीज मात्र 40 किलो आया था। किसान प्राइवेट दुकानों से दलहनी व तिलहनी के बीज खरीद रहे हैं।
एचडी 2967 प्रजाति के गेहूं के 400 क्विंटल बीज कृषि गोदाम पर उपलब्ध है। अन्य प्रजाति के गेहूं के बीज गोदाम पर नहीं हैं। गेहूं बोने का बेहतर समय 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक है। बीज की मात्रा सरकार तय करती है। हम केवल वितरण करते हैं। चना, मटर, मसूर, सरसो अल्प मात्रा में आया। हमारे पास गेहूं के मात्र एचडी 2967 प्रजाति का 400 क्विंटल बीज है। जो बीज उपलब्ध है वह किसानों को उचित दर पर दिया जा रहा है।
-सुभाष विश्वकर्मा, प्रभारी, कृषि गोदाम-लार