लाकडाउन के उल्लंघन का मुकदमे वापस लेने की तैयारी, थानों से मांगी गई सूची
कोरोना प्रोटोकाल व लाकडाउन उल्लंघन में फंसे जनपद के सामान्य नागरिकों को जल्द राहत मिल जाएगी। शासन के फरमान के बाद जिला प्रशासन ने टीम बनाकर जांच कराने का निर्देश दिया। इसके लिए सभी थानों से सूची मांगी गई है।
देवरिया: कोरोना प्रोटोकाल व लाकडाउन उल्लंघन में फंसे जनपद के सामान्य नागरिकों को जल्द राहत मिल जाएगी। शासन के फरमान के बाद जिला प्रशासन ने टीम बनाकर जांच कराने का निर्देश दिया। इसके लिए सभी थानों से सूची मांगी गई है।
केंद्र सरकार की सलाह पर प्रदेश सरकार ने मुकदमा वापसी पर अमल शुरू कर दिया है। वर्तमान व भूतपूर्व सांसदों, विधायकों व एमएलसी को छोड़कर जन सामान्य पर दर्ज मुकदमे वापसी की तैयारी चल रही है। शासन के निर्देश पर डीएम आशुतोष निरंजन ने एसपी व एडीएम प्रशासन को टीम बनाकर जांच कराने व तीन दिन में आख्या प्रस्तुत करने को कहा है। सभी थानों से पंजीकृत अपराधों की सूची मांगने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एडीएम प्रशासन कुंवर पंकज ने बताया कि शासन की तरफ से अभियोग वापसी के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी थानों से सूची मांगी है। शासनादेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। कोरोना काल में लागू थे कई कानून
कोरोना संकटकाल में केंद्र व राज्य सरकारों ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व महामारी अधिनियम 1897, भारतीय दंड संहिता 1860 के प्रावधान को लागू किया था। गृह मंत्रालय ने सामान्य नागरिकों को अनावश्यक अदालती कार्रवाई से बचाने, न्यायालयों में लंबित फौजदारी मामलों को रोकने व नागरिकों को फौजदारी प्रक्रिया से बचाने का सुझाव दिया। साथ ही जिन मुकदमों में आरोप पत्र न्यायालय को प्रेषित कर दिया गया है। उन मुकदमों को वापस लेने के संबंध में कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की है। इसके बाद शासन ने लोक अभियोजक को न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जाने की लिखित अनुमति प्रदान की है। सीआरपीसी की धारा 321 में उल्लिखित प्रावधानों का अनुपालन कराते हुए कार्रवाई की जाएगी।