संवेदनशील जगहों पर रही पुलिस की नजर
अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला आने के बाद पुलिस-प्रशासन की नजर संवेदनशील व अति संवेदनशील कस्बों व गांवों पर रही। दिन भर अधिकारी उन जगहों पर दौड़ते रहे और पल-पल की गतिविधि पर नजर रखे रहे। डीएम व एसपी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ संवेदनशील जगहों पर पहुंचे और उन जगहों पर पुलिस फोर्स के साथ मार्च भी किया।
देवरिया: अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला आने के बाद पुलिस-प्रशासन की नजर संवेदनशील व अति संवेदनशील कस्बों व गांवों पर रही। दिन भर अधिकारी उन जगहों पर दौड़ते रहे और पल-पल की गतिविधि पर नजर रखे रहे। डीएम व एसपी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ संवेदनशील जगहों पर पहुंचे और उन जगहों पर पुलिस फोर्स के साथ मार्च भी किया।
अयोध्या प्रकरण पर फैसला को लेकर कई दिन पहले से ही प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई थी। शुक्रवार की रात बैठक के दौरान ही शनिवार को फैसला आने की खबर मिलने के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई। आनन-फानन में डीएम व एसपी ने रात को ही पैदल मार्च किया। थानाध्यक्ष को छोड़ क्यूआरटी व सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ जिन पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगी थी, उन्हें पुलिस लाइन में आठ बजे ही बुला लिया गया। डीएम अमित किशोर व एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने मजिस्ट्रेट व पुलिस कर्मियों को ब्रीफिग करने के साथ ही उन्हें तैनाती स्थल पर भेज दिया। इसके बाद जिलाधिकारी व एसपी अपने काफिले के साथ सलेमपुर चले गए। दिन भर अधिकारियों की गाड़ियां संवेदनशील मोहल्लों व कस्बों में दौड़ती रही।
डीएम ने लगाई डीएसओ व एआरटीओ को फटकार
पुलिस लाइन में सेक्टर मजिस्ट्रेट व पुलिस कर्मियों को रवाना किया जा रहा था। कुछ सेक्टर मजिस्ट्रेट गाड़ी न मिलने की बात डीएम से कह दिए। इसके बाद डीएम सख्त हो गए। जिला पूर्ति अधिकारी व एआरटीओ को फटकार लगाने लगे। डीएम ने कहा कि वाहनों को हम तेल देंगे, बजट है मेरे पास। आप लोग इसको लेकर परेशान न हों। तत्काल वाहनों की व्यवस्था कराएं। एआरटीओ ने पर्याप्त वाहन होने की बात कही। इसके बाद डीएम ने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों को वाहन लेने का निर्देश दिया।