चार साल में भी नहीं पूरी हो सकी पुलिस की विवेचना
मदनपुर निवासी रहमतुल्लाह 30 दिसंबर 2016 को गायब हो गए। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और चार जनवरी 2017 को रहमतुल्लाह का शव केवटलिया के पास से बरामद हुआ।
देवरिया : जनपद के चर्चित मदनपुर थाना कांड की विवेचनाएं तो कछुआ से भी धीमी चल रही है। लगभग चार साल का समय बीतने को है, लेकिन एक भी विवेचना में अभी तक चार्जशीट नहीं लग सकी है। हालांकि पुलिस अधिकारी सभी मुकदमों में जल्द चार्जशीट दाखिल कराने की बात कह रहे हैं।
मदनपुर निवासी रहमतुल्लाह 30 दिसंबर 2016 को गायब हो गए। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ और चार जनवरी 2017 को रहमतुल्लाह का शव केवटलिया के पास से बरामद हुआ। शव बरामद होने के बाद तनाव बढ़ गया। यहां उग्र भीड़ ने थाने में आग लगा दी। जिसमें पुलिस विभाग का काफी नुकसान हुआ था। इस मामले में 110 लोग अभी तक जेल जा चुके हैं। जबकि अभी भी करीब एक हजार अज्ञात लोग वांछित बताए जा रहे हैं।
एसपी डा. श्रीपति मिश्र ने बताया कि विवेचनाओं को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। मुकदमों के निस्तारण होते ही वसूली की कार्रवाई आरोपितों से से की जाएगी। दर्ज हैं चार मुकदमें
थाना फूंकने की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। इस मामले में चार मुकदमे दर्ज किए गए और एक हजार से अधिक लोग आरोपित बनाए गए। तीन मुकदमों की विवेचना प्रभारी निरीक्षक मदनपुर तो एक मुकदमे की विवेचना सीओ रुद्रपुर अंबिका राम कर रहे हैं। अभी तक बरामद नहीं हो सके आधा दर्जन असलहे
इस घटना में लोगों के जमा व सरकारी असलहे भी जल गए। जबकि कुछ आरोपित सरकारी असलहे भी लूट कर लेकर चले गए। घटना के छह माह बाद ही एक असलहा तो बरामद कर लिया गया, लेकिन अभी भी सरकारी आधा दर्जन असलहे बरामद नहीं हो सके हैं।
नहीं हो पा रही वसूली
इस घटना में पुलिस विभाग के लगभग 67 लाख रुपये का नुकसान हुआ। पुलिस मुख्यालय से आई टीम ने नुकसान का ब्यौरा बनाया और अपनी रिपोर्ट दी। कई बार पत्रावली भी आरोपितों से वसूली के लिए तैयार की गई, लेकिन विवेचनाओं के पूरा न होने के चलते वसूली भी प्रभावित हो गई है।