मौसम ने बदले मिजाज से बढ़ गई मरीजों की संख्या
मौसम ने मिजाज बदला और उमस भरी गर्मी में लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला शुरू हुआ जो बढ़ता चला गया। मंगलवार को जिला चिकित्सालय के सभी वार्ड मरीजों से भर गए। हाल यह हुआ कि इमरजेंसी में सुबह से आए मरीजों को कुर्सियों पर व बैठने वाले स्थान पर लिटा कर पूरे दिन इलाज किया गया।
देवरिया : मौसम ने मिजाज बदला और उमस भरी गर्मी में लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला शुरू हुआ, जो बढ़ता चला गया। मंगलवार को जिला चिकित्सालय के सभी वार्ड मरीजों से भर गए। हाल यह हुआ कि इमरजेंसी में सुबह से आए मरीजों को कुर्सियों पर व बैठने वाले स्थान पर लिटा कर पूरे दिन इलाज किया गया। ऐसे में मरीजों व तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिला चिकित्सालय में 230 बेड हैं। इसमें सर्जिकल, मेडिकल दोनों के चार मेल, फीमेल समेत चार वार्ड चिल्ड्रेन वार्ड, पीआइसीयू, एनआरसी में मरीज भर्ती होते हैं। जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 1500 से अधिक मरीजों का इलाज डाक्टर करते हैं। इमरजेंसी में तो चौबीस घंटे मरीजों आते हैं। इमरजेंसी में मरीजों के इलाज के बाद एक-दो घंटे में उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। मंगलवार की सुबह मरीजों के आने का क्रम शुरू हुआ तो वार्ड ब्वाय वार्ड से लौट कर आया और बताया कि अस्पताल के किसी भी वार्ड में जगह नहीं है, कोई बेड ही नहीं है जिस पर मरीज को लिटाया जाए। सभी वार्डों में बेड भरे हुए हैं। ऐसे में इमरजेंसी में ही कई मरीजों का पूरे दिन इलाज जैसे-तैसे किया गया। उधर कई ऐसे भी मरीज थे जो गंभीर थे उनका इलाज हो सकता था, लेकिन डाक्टर को मजबूरन रेफर करना पड़ा।
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यह सही है कि अस्पताल के सभी बेड भर गए हैं। इमरजेंसी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल पर क्षमता से अधिक लोड है। इन दिनों उल्टी, दस्त व बुखार के मारीजों की संख्या बढ़ने से दिक्कत है।
डा. छोटेलाल, सीएमएस, जिला चिकित्सालय देवरिया।