नृपेंद्र मिश्र को पद्मभूषण पुरस्कार मिलने पर झूमे कसिली गांव के लोग
गांव में जैसे ही मिश्र को सम्मान मिलने की सूचना मिली लोग खुशी से उछल पड़े। गांव में इस वक्त मिश्र के पैतृक घर का सिर्फ अवशेष है जो उनके गांव के ताल्लुकात को जोड़ रहा है।
देवरिया: श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव देवरिया जिले के बरहज तहसील क्षेत्र के कसिली गांव के मूल निवासी नृपेंद्र मिश्र को पद्मभूषण पुरस्कार मिलने की सूचना से गांव के युवाओं के साथ बुजुर्गों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग मोबाइल से एक दूसरे को यह खुशी साझा कर रहे हैं। ग्रामीणों का सीना चौड़ा हो गया है। गांव में की चर्चा है। उधर देवरिया जिले के अन्य कस्बों के लोगों में भी प्रशन्नता है। खुशी से उछल पड़े गांव के लोग
गांव में जैसे ही मिश्र को सम्मान मिलने की सूचना मिली, लोग खुशी से उछल पड़े। गांव में इस वक्त मिश्र के पैतृक घर का सिर्फ अवशेष है, जो उनके गांव के ताल्लुकात को जोड़ रहा है। मिश्र की शिक्षा कानपुर में हुई, लेकिन गांव की माटी से उनका लगाव है। ग्रामीण बोले
गांव के बुजुर्ग कैलाश नाथ मिश्रा, सुरेश नाथ तिवारी, कहते हैं कि हमें नृपेंद्र मिश्र पर नाज है। गांव के शिक्षक आत्म प्रकाश मिश्र कहते हैं कि वह काफी सहज हैं। भले ही गांव में नहीं रहे, लेकिन उनका लगाव गांव के लोगों से आज भी है। पुरस्कार मिलना गर्व की बात है। नृपेंद्र मिश्र की प्रोफाइल
नाम- नृपेंद्र मिश्र (1967 बैच के आइएएस)
पिता- स्व. शिवेश चंद्र मिश्र
पुत्र- साकेत मिश्र, पूर्वाचल विकास बोर्ड के सलाहकार
पुत्री- एक
भाई- सुशील चंद्र मिश्र
ग्राम- कसिली, तहसील बरहज, जिला देवरिया, उत्तर प्रदेश
इंटर तक की पढ़ाई वीएनएसडी स्कूल कानपुर, बीएससी कानपुर विश्वविद्यालय से। कानपुर सहित कई जिलों के डीएम तथा विभिन्न विभागों में सचिव एवं यूपीए सरकार में ट्राई के चेयरमैन का दायित्व निभाया।