देवरिया जिला अस्पताल में आग से बचाव के इंतजाम नहीं
सच्चाई यह है कि अगर ओपीडी में या वार्ड में आग लग जाए तो आग पर इस यंत्र से काबू नहीं पाया जा सकता है।
देवरिया: जिला अस्पताल, महिला अस्पताल के अलावा सीएचसी, पीएचसी में आग बुझाने के इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं। अगर जिला व महिला अस्पताल में आग लगती है तो यहां कई लोगों की जान जा सकती है। कारण मरीजों की संख्या के अनुपात में आग बुझाने के लिए लगाए गए (फायर एक्सटिंग्विशर) अग्नि शमनयंत्र काफी कम हैं। ओपीडी में सुबह की भीड़ के बीच अगर आग लग जाए तो मरीजों व तीमारदारों को बचाना मुश्किल होगा। खास बात यह है कि लगाए गए अग्निशमन यंत्रों को वर्षों से उतारा ही नहीं गया है। उधर सीएचसी, पीएचसी में अग्निशमन विभाग की टीम ने निरीक्षण कर डीएम, एसपी को यह रिपोर्ट दिया है कि यहां आग बुझाने का इंतजाम मानक के अनुसार नहीं है।
जिला अस्पताल में 230 बेड है और प्रतिदिन तकरीबन एक हजार मरीजों का रजिस्ट्रेशन ओपीडी में दिखाने के लिए होता है। मेल मेडिकल, सर्जिकल, महिला मेडिकल व महिला सर्जिकल, पीआइसीयू, जीरियाट्रिक, इमरजेंसी व ओपीडी में कुल 12 अग्नि शमन यंत्र दीवारों में टांग कर रखे गए हैं कि आग लगने पर उससे आग बुझाने का कार्य किया जाएगा। जिसमें तीन खराब हैं। सच्चाई यह है कि अगर ओपीडी में या वार्ड में आग लग जाए तो आग पर इस यंत्र से काबू नहीं पाया जा सकता है। इनमें अधिकांश को दो वर्ष में उतार कर यह देखा भी नहीं गया कि यह काम कर रहा है कि नहीं। कर्मचारी उसे चलाना भी नहीं जानते। डेढ़ वर्ष पूर्व अस्पतालों को कायाकल्प योजना के तहत अग्निशमन यंत्रों से सुसज्जित किया गया था। जो अब अस्पताल में शोपीस बने हुए हैं।
94 बेड के जिला महिला अस्पताल की भी कमोबेश यही स्थित है। यहां सात वार्डों में 14 अग्निशमन केंद्र लगाए गए हैं। एसएनसीयू वार्ड में आठ किलो का दो फायर स्टिसर लगाया गया है। जबकि अन्य स्थानों पर दो-दो किलोग्राम का लगाया गया है। यहां भी कभी उसे दीवाल से दो वर्ष में उतार कर नहीं देखा गया। कर्मचारी उसे चलाना नहीं जानते। उन्हें कभी इसका प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है।
सीएमओ डा. आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्था मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। आग बुझाने के इंतजाम हर जगह हैं लेकिन जहां भी कमियां हैं उसे शीघ्र की दूर करने कर प्रयास चल रहा है।
सीएचसी व पीएचसी में आग बुझाने का इंतजाम नहीं
जिले की 16 सीएचसी व 15 पीएचसी में आग बुझाने का पर्याप्त इंतजाम नहीं है। इसकी पोल तब खुली जब अग्निशमन विभाग की टीम ने 15 दिन पूर्व सभी सीएचसी व पीएचसी की जांच कर अपनी रिपोर्ट डीएम व एसपी को दी। उसके बाद भी अभी तक इन अस्पतालों में इसे लेकर महकमा गंभीर नहीं हुआ है।