भगवान श्रीराम के परम मित्र थे निषाद राज: जयप्रकाश
भगवान राम के वन गमन के दौरान नाव से पार कराकर पुण्य प्राप्त किया था। कहा कि त्रेता युग में निषाद राज ने राम सीता और लक्ष्मण को नाव से पार कराकर अयोध्या से अपने संबंधों का सम्मान किया था।
देवरिया: रामलक्षन क्षेत्र के शिवमंदिर परिसर में आयोजित निषाद राज गुह्य की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद ने कहा कि निषाद राज, भगवान श्रीराम के परम मित्र थे। उन्होंने प्रभु श्रीराम की सेवा में त्याग का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके जैसी मित्रता का उदाहरण कहीं और नहीं मिलता।
भगवान राम के वन गमन के दौरान नाव से पार कराकर पुण्य प्राप्त किया था। कहा कि त्रेता युग में निषाद राज ने राम सीता और लक्ष्मण को नाव से पार कराकर अयोध्या से अपने संबंधों का सम्मान किया था। निषाद समाज के लोग उनका आदर पूर्वक नाम लेते हैं।
इस दौरान मंजय निषाद, मेवालाल निषाद, जगदीश निषाद रमाशंकर निषाद आदि मौजूद रहे। इसी क्रम में भृगुसरी चौराहे पर निषाद राज की जयंती मनाई गई। इस दौरान शंकर निषाद, सुभाष निषाद, चंद्रिका निषाद, रामदुलारे, रामदरश निषाद आदि मौजूद रहे। निषाद राज के बताए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प
देवरिया: बरहज में फूलन सेना नगर कमेटी के तत्वावधान में सोमवार को पटेल नगर स्थित देई स्थान पर निषाद राज गुह्य की जयंती मनाई गई। इस दौरान निषाद राज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया।
मुख्य अतिथि फूलन सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र निषाद ने कहा कि निषाद राज, निषाद समाज के इतिहास पुरुष हैं। उन्होंने निषादों की राजधानी श्रृंगेश्वरपुर को निषाद राज के नाम पर श्रृंगेश्वरपुर जिला बनाने की मांग किया। जिलाध्यक्ष तारा देवी ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में निषाद राज की प्रतिमा लगाने की मांग की। बरहज के नगरपालिका में भी निषाद राज की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की। अध्यक्षता रामचंद्र व संचालन हरिश्चंद्र निषाद ने किया। इस अवसर पर कमलेश निषाद, गुलाम कादीर, सूरज निषाद, विकास निषाद, मुकेश पांडेय, बबलू केवट, नेबूलाल निषाद, विजय निषाद, प्रभावती देवी, राधिका देवी, इंद्रावती देवी, आशा देवी, शालू देवी, राजकुमारी देवी मौजूद रही।