फार्मासिस्ट के भरोसे न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
अस्पताल का निर्माण 1995 में हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल बनने के बाद कोई भी डाक्टर यहां छह माह से अधिक नहीं रह सका। इस समय कोरोना जैसे संक्रमण काल में यहां केवल एक मात्र फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है।
देवरिया: न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठेंगवल दूबे का हाल बेहाल है। एक फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है। यहां दो साल से किसी डाक्टर की तैनाती नहीं है। मरीजों को निजी डाक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां न तो वार्ड ब्वाय हैं न ही सफाई कर्मी। फिर भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी से निपटने का दावा कर रहा है।
अस्पताल का निर्माण 1995 में हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल बनने के बाद कोई भी डाक्टर यहां छह माह से अधिक नहीं रह सका। इस समय कोरोना जैसे संक्रमण काल में यहां केवल एक मात्र फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है। दो बजे के बाद अस्पताल गेट पर ताला लग जाता है। परिसर में मुख्य भवन के सामने से लेकर कर्मचारी आवास तक उगी झाड़ियां विभाग के दावों की पोल खोल रही हैं।
न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नूनखार में तैनात डा. मिथिलेश यादव की तैनाती हुई ।लेकिन पांच दिन बाद भी उन्होंने अपना योगदान नहीं दिया। यहां जलापूर्ति के लिए बनाया गया ओवर टैंक जो मोटर के अभाव में बंद है। अस्पताल में मरीजों के लिए चार बेड पड़े हैं। धूल झाड़ने वाला भी कोई नहीं है। गांव के रमेश,मंटू, हरेंद्र चौहान, विवेक दुबे सहित कई लोगों ने बताया कि गांव में अस्पताल तो है लेकिन किसी के चोटिल होने पर यहां मरहम पट्टी भी नही हो सकती। एएनएम की तैनाती है वह भी इसी माह सेवा निवृत हो जायेगी। यहां पर कार्यरत वार्ड ब्वाय इस समय देवरिया जिला चिकित्सालय पर तो यहां के एलटी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठेंगवल में सम्बद्ध किया गया है। टीकाकरण के अलावा यहां किसी भी रोग का इलाज संभव नहीं है।
प्रभारी चिकित्साधिकारी भागलपुर रंजीत कुशवाहा ने बताया कि चिकित्सक की तैनाती हुई है जल्द ही वे योगदान करना शुरू कर देंगे।
डा. आलोक पांडेय,
सीएमओ ने बताया कि
न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की तैनाती की गई है। कुछ समस्या है। उम्मीद है दो दिन के अंदर कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। अन्य समस्याओं को भी जल्द दुरुस्त किया जाएगा।