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दो दर्जन से अधिक बंदी हैं जिला कारागार में बीमार

जिला कारागार में बंद बंदियों द्वारा भोजन न करने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन भी गंभीर हो गया। एसपी के निर्देश पर चंद घंटे में टीमें गठित की गई और दोपहर बाद जिला कारागार में पहुंचने का निर्देश दे दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 11:02 PM (IST)
दो दर्जन से अधिक बंदी हैं जिला कारागार में बीमार
दो दर्जन से अधिक बंदी हैं जिला कारागार में बीमार

देवरिया: जिला कारागार में बंद बंदियों द्वारा भोजन न करने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन भी गंभीर हो गया। एसपी के निर्देश पर चंद घंटे में टीमें गठित की गई और दोपहर बाद जिला कारागार में पहुंचने का निर्देश दे दिया गया। एडीएम प्रशासन राकेश पटेल व एएसपी शिष्यपाल के नेतृत्व में टीम पहुंची और बंदियों से बातचीत की। साथ ही उनकी समस्याओं को भी सुना। इसके कुछ देर बाद डीएम व एसपी भी जिला कारागार पहुंच गए और जेल के अधिकारियों के साथ बातचीत की।

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बंदियों ने डीएम से बताया कि जेल प्रशासन द्वारा उनके उपचार में लापरवाही बरती जाती है। कुछ अच्छे लोगों को भी जेल के अस्पताल में चिकित्सक की मेहरबानी पर भर्ती करा दिया जाता है। जबकि बीमार मरीजों के उपचार पर चिकित्सक ध्यान नहीं देते। कुशीनगर के बंदी ने बताया कि उसको आपरेशन कराना है, लेकिन जेल प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है। डीएम ने इसकी पूरी सूची तैयार की और जेल अधीक्षक से इन बंदियों का बेहतर इलाज कराने का निर्देश दिया। बीमार चल रहे आधा दर्जन बंदियों को पुलिस लाइन से फोर्स मंगाकर जिला अस्पताल भिजवाया, जहां उनका उपचार कराया गया। जिला अस्पताल में एक बंदी आबिद को चिकित्सक ने भर्ती कराने की सलाह दे दी। जिसके बाद उसे भर्ती करा दिया गया। डीएम अमित किशोर ने कहा कि जिन बंदियों की तबीयत खराब है, उनका इलाज कराया जाएगा।

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कैदी के मौत की होगी मजिस्ट्रीयल जांच

देवरिया: जिला कारागार में बंद कैदी की इलाज के दौरान हुई मौत की अब मजिस्ट्रीयल जांच होगी। डीएम अमित किशोर ने कहा कि इस मामले में किसी की लापरवाही सामने आई तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

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तो मानक के अनुरूप नहीं मिलता है भोजन

जिला कारागार इलाज कराने आए बंदियों ने जिला जेल प्रशासन की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर दिया। बंदियों ने कहा कि जेल में उनके साथ अच्छा बरताव नहीं किया जाता है। भोजन भी मानक के अनुरूप नहीं रहता। सब्जी में पानी ही नजर आती है। यही हाल दाल की भी रहती है। विरोध करने पर उस बंदी के साथ सख्ती दिखाई जाती है, हालांकि जेल प्रशासन इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।


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