Move to Jagran APP

दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के तर्ज पर शुरू हुआ मोहल्ला पाठशाला

बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से कक्षा एक से आठवीं तक बच्चों को उनके घर जाकर पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। एक पाठशाला में 15 बच्चों को बुलाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों का रोस्टर बनाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:56 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:56 PM (IST)
दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के तर्ज पर शुरू हुआ मोहल्ला पाठशाला
दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के तर्ज पर शुरू हुआ मोहल्ला पाठशाला

देवरिया: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग ने मोहल्ला पाठशाला की शुरुआत की है। शिक्षक बच्चों को घर जाकर पढ़ा रहे हैं। नई पहल के जरिये बच्चों में पढ़ने के प्रति ललक पैदा की जा रही है।

prime article banner

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण अधिकतर बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है। बच्चों के पढ़ाई के स्तर में गिरावट आई है। ई-पाठशाला का कंटेंट नहीं पहुंचने व आनलाइन क्लासेज लेने में बच्चों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को। एक पाठशाला में अधिकतम 15 छात्रों को शामिल किया जा रहा है। लोगों से बेहतर संबंध स्थापित करने की कोशिश जारी

स्कूल व समुदाय में बेहतर संबंध स्थापित हो सके और गांव में पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार हो सके। इसके लिए इसका आयोजन किया जा रहा है। भाषा व गणित शिक्षण पर जोर दिया जा रहा है।

परिषदीय विद्यालयों की कुल संख्या:2124

कक्षा एक से आठ तक छात्रों की संख्या: 2.36 लाख

शिक्षकों की संख्या:8000

शिक्षामित्रों की संख्या:2694

अनुदेशकों की संख्या:445 कहानी के माध्यम से बच्चों को कराया जा रहा अभ्यास मोहल्ला पाठशाला में मौखिक बातचीत-10 मिनट, कहानी संबंधित गतिविधियां-15 मिनट, ध्वनि जागरूकता डिकोडिग-15 मिनट, संबंधित खेल-15 मिनट, लेखन-20 मिनट का है। बच्चों के साथ रोजाना कक्षा में कोरोना महामारी, साफ-सफाई या अन्य विषय या स्थिति पर बातचीत की जा रही है। वीडियो देखकर बच्चे सीख रहे हैं। वाट्सएप पर भेजे गए ई-पाठशाला के कंटेंट जैसे-खाना खाने से पहले हाथ धोने, मास्क लगाने, ठंड से बचाव की जानकारी दी जा रही है। कहानी के माध्यम से बच्चों में सुनने, समझने, बोलने, पढ़ने व लिखने का अभ्यास कराया जा रहा है। इसी तरह गणित पर बातचीत, संख्या पहचान, शाब्दिक सवाल, संख्या पहचान संबंधित खेल से रूबरू कराया जा रहा है। बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से कक्षा एक से आठवीं तक बच्चों को उनके घर जाकर पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। एक पाठशाला में 15 बच्चों को बुलाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों का रोस्टर बनाया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.