अधिमास शुरू, आज से होगी भगवान शिव की आराधना
देवरिया के रुद्रपुर दुग्धेश्वर नाथ शिव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को लगाना होगा मास्क।
देवरिया: हर तीसरे वर्ष लगने वाला अधिक मास शुक्रवार से शुरू हो रहा है। एक माह तक चलने वाले अधिमास में पूजा अर्चन के लिए दुग्धेश्वर मास में सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। मंदिर के चारो तरफ साफ-सफाई की गई है।
मंदिर में माहभर चलने वाले जलाभिषेक को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन कराने की तैयारी की गई है। मास्क व सैनिटाजर का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके।
मंदिर की है पौराणिक मान्यता:
रुद्रपुर के बाबादुग्धेश्वर नाथ मंदिर का शिवलिग नीसक पत्थर का बना है। ऐसी मान्यता है कि इसके स्पर्श मात्र से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। मंदिर का उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपने यात्रा वृतांत में किया है। वहीं एलेक्जेंडर ने भी गोरखपुर गजेटियर में इसका उल्लेख किया है। शास्त्रों में अधिमास में भगवान शिव के जलाभिषेक का काफी महत्व बताया गया है। इस बार शारीरिक दूरी का विशेष रूप से पालन कराया जाएगा।
रमाशंकर भारती, महंत दधिची और गर्ग ॠषि की है तपोस्थली
जनश्रुति है कि यह स्थान दधिची और गर्ग ॠषि की तपोस्थली है। पद्मपुराण में भगवान शिव के बारे में लिखा है कि महाकालस्य यल्लिगम दुग्धेश मिति विश्रुतम। धर्म ग्रंथो में दो प्रकार के शिवलिग माने गए हैं। वाणलिग तथा चंडलिग। बाबा दुग्धेश्वरनाथ अनादि स्वयंभू चंडलिग हैं। सप्तकोसिय इलाके में ग्यारह अन्य शिवलिग विद्यमान हैं। बाबा दुग्धेश्वरनाथ को महाकालेश्वर के द्वादश ज्योतिर्लिगों का उपलिग कहा जाता है।