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51.25 लाख रोपे पौधे पर देखरेख नहीं

देवरिया में वन विभाग ने 11.91700 पौधे लगाए इसपर 229.09 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:50 PM (IST)
51.25 लाख रोपे पौधे पर देखरेख नहीं
51.25 लाख रोपे पौधे पर देखरेख नहीं

देवरिया : पर्यावरण संरक्षण को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन उसका नतीजा सिफर है। आलम यह है कि दो साल में जिले में वन विभाग एवं अन्य विभागों ने मिलकर कुल 51.25 लाख पौधारोपण किए, इनमें उपयोगी पौधे कम हैं। इन पौधों की सुरक्षा का इंतजाम भी नाकाफी है। जंगली जानवर तथा पानी के अभाव में कुछ पौधे नष्ट हो गए हैं। वन विभाग की मानें तो 92 फीसद पौधे सुरक्षित हैं, लेकिन यह सच्चाई से परे है। वन विभाग व मनरेगा ने दो साल में 530.6 लाख रुपये पौधारोपण पर खर्च किए हैं। वन व अन्य विभाग से लगे पौधे

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वर्ष लक्ष्य वन विभाग अन्य विभाग

2018-19 1117718 287500 865890

2019-20 3972344 904200 3068144 योग 50,90,062 1153490 3934034 ये हैं फायदेमंद पौधे

पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वन व अन्य विभागों ने सागौन, अर्जुन, जामुन, सहजन, पीपल, बरगद, पाकड़, आम, अमरुद, आंवला, खैर, नीम आदि प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं। इनमें अधिकतर ऑक्सीजन देने वाले हैं। इसके अलावा यह उपयोग की दृष्टि से लाभकर हैं। रोप दिए नुकसानदेह पौधे

मानव सभ्यता को बचाने के लिए उपयोगी पौधे वन विभाग को लगाने चाहिए, लेकिन वन विभाग झाड़-झंखाड़ वाले पौधे लगाकर अपनी थपथपा रहा है। कम आक्सीजन देने वाले पौधे भी लगाए गए हैं। जिसमें यूके लिपटस, सेमल, जंगल जलेबी, बकाईंन, गोल्ड मोहर, गुटेल, सिरसा जैसे अनुपयोगी पौधे भी रोपे गए हैं। पौधों की देखरेख करने के लिए वाचर यानी चौकीदार तैनात किए गए हैं। जो पौधों की निगरानी करते रहते हैं। गर्मी के दिनों में पौधों की सिचाई के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है। जिले में एक ही वन क्षेत्र है।

पीके गुप्ता,

डीएफओ, देवरिया


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