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ेदेवरिया के परसिया देवार में ग्रामीणों ने तोड़ीं कच्ची की भट्ठियां

देवरिया के परसिया देवार में ग्रामीणों ने कच्ची शराब की भट्ठियां तोड़ दी तथा 25 ड्रमों में रखी लहन नष्ट कर दिया ग्रामीणों को देखकर कच्ची के धंधेबाज भाग निकले।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 11:18 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:18 PM (IST)
ेदेवरिया के परसिया देवार में ग्रामीणों ने तोड़ीं कच्ची की भट्ठियां
ेदेवरिया के परसिया देवार में ग्रामीणों ने तोड़ीं कच्ची की भट्ठियां

देवरिया: कच्ची शराब के निर्माण का हब बन रहे बरहज में सरयू नदी पार के गांव परसिया देवार में लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कच्ची शराब की भट्ठियों पर युवाओं ने शनिवार को धावा बोल दिया। ट्रैक्टर, कुदाल लेकर जमीन के अंदर छिपाए गए 25 ड्रम लहन को नष्ट कर तीन धधकती भट्ठियों को तोड़ दिया।

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नदी पार के गांव परसिया देवार के गौरया रेता में रमेश और गुड्डू की कई माह से कच्ची शराब की भट्ठी चल रही थी। यह लाकडाउन में भी कच्ची बना रहे थे। ग्रामीणों ने कई बार पुलिस को सूचना दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गांव के एक दर्जन युवक कच्ची शराब निर्माण बंद कराने के लिए खुद भठ्ठियों पर धावा बोल दिए। जमीन के अंदर ड्रम में छिपा कर रखे गए लहन को खोद कर बाहर निकाल नष्ट कर दिए। झाड़ियों के बीच बनी कच्ची शराब की धधकती भट्ठियों को तोड़ दिया।

युवकों का तेवर देख धंधेबाज मौके से भाग गए। युवाओं का कहना है कि कच्ची के धंधेबाज से लोग भयभीत हैं। कोई विरोध करता है तो धमकी देते हैं। महज खानापूर्ति के लिए कार्रवाई होती है। बरहज के थाना प्रभारी अनिल पांडेय ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत मिली है कच्ची के धंधेबाजों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है आबकारी विभाग के साथ पुन: संयुक्त अभियान परसिया देवार में चलाया जाएगा। कच्ची शराब निर्माण के लिए महफूज क्षेत्र है देवार

नदी पार का इलाका कच्ची शराब और पशु तस्करों के लिए महफूज है। आवागमन की दुरुह स्थिति का फायदा कच्ची शराब के धंधेबाज उठाते हैं। कई बार पुलिस की कार्रवाई की जानकारी इन्हें पहले ही हो जाती है। यही कारण है कि कार्रवाई से पहले ही फरार हो जाते हैं। छोटी नावों में धंधेबाज इंजन सेट किए है। इसी नाव से कच्ची शराब इस पार लाई जाती है। मधुबन और बिहार तक सप्लाई होती है। कच्ची शराब के विरोध में सभासद मिहिरकांत तिवारी की हत्या हो चुकी है। विरोध करने वालों को धमकाया जाता है। यही कारण है कि जल्दी कोई इसका विरोध नहीं करता।


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