रेलवे का प्रतिबंधित साफ्टवेयर बेचने वाले दो भाई गिरफ्तार
देवरिया के भटनी की आरपीएफ टीम ने मामले में की कार्रवाई कुशीनगर के हाटा में चल रहा था प्रतिबंधित धंधा खाते में मिले 45 लाख रुपये वाट्सएप से कर रहे थे कार्य।
देवरिया : वाराणसी की क्राइम इंटेलीजेंस ब्यूरो (सीआइबी) और देवरिया आरपीएफ की संयुक्त टीम ने मंगलवार को कुशीनगर में रेलवे के प्रतिबंधित साफ्टवेयर बेचने वाले गिरोह के दो शातिरों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों भाई हैं।
सीआइबी प्रभारी वाराणसी अभय कुमार राय ने इनपुट के आधार पर देवरिया की आरपीएफ टीम के साथ कुशीनगर के हाटा में इंदिरा नगर में छापेमारी की। एक मकान से दो सगे भाई आफताब अंसारी व इजहार अंसारी पुत्र अजीज अंसारी को गिरफ्तार किया। दोनों देवरिया के मुंडेराचंद हेतिमपुर के निवासी है। तलाशी में उनके पास लैपटाप, बने हुए तत्काल टिकट व मोबाइल मिले हैं। ये रेलवे का टिकट बनाने वाले साफ्टवेयर और लिंक बेचते थे। देवरिया के आरपीएफ इंस्पेक्टर मनभरन ने कहा कि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूछताछ की जा रही है। कई साफ्टवेयर मिले
दोनों नेक्स्ट जेन, इगल, आटो फील एक्सटेंशन, फाक्स, बुस्टर, स्पार्क, स्पार्क प्रो, स्पार्क वी टू साफ्टवेयर बेचते हैं। आटो फील एक्सटेंशन से इंडियन रेलवे कैटरिग एवं टूरिज्म कारपोरेशन की वेबसाइट धीमी कर आसानी से टिकट बना लेते हैं। 530 को बेचा साफ्टवेयर
सीआइबी टीम को लैपटाप की हिस्ट्री डिलीट मिली लेकिन मोबाइल की जांच में 100 लोगों को टिकट साफ्टवेयर और 430 लोगों को आटो फील एक्सटेंशन साफ्टवेयर बेचने की जानकारी हाथ लगी। दोनों के दस बैंकों में खाते मिले, जिनमें 45 लाख रुपये हैं। दोनों ने करीब एक करोड़ रुपये के साफ्टवेयर बेचे हैं। 300 रुपये में खरीदारी कर 800 में बेचते थे लिक
प्रतिबंधित साफ्टवेयर विक्रेताओं का कहना है कि उनका रैकेट पूरे देश में फैला हुआ है। उनका सरगना वाट्सएप पर लिक व साफ्टवेयर भेजता है, एक साफ्टवेयर के लिक के लिए उसे 300 रुपये देना पड़ता है। यह भी यह भुगतान आन-लाइन गूगल पे या अन्य तरीकों से करता है। जबकि दुकानदारों को 800 रुपये में बेचते हैं।