देवरिया में नशा व तेज रफ्तार के चलते हो रहीं दुर्घटनाएं
देवरिया जिले में सर्वाधिक हादसे तेज रफ्तार व लापरवाही के चलते हुए हैं हादसों के बाद भी लोग नहीं ले रहे हैं सबक वाहन चालकों पर नियमों का कोई असर नहीं।
देवरिया: सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बड़ी चिता का कारण बनती जा रही है। हादसे में किसी की मौत को भी लोग बड़े ही सहजता से लेते हैं, लेकिन हादसे में किसी की मौत, सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार का नुकसान है।
किसी परिवार का बेटा, पिता, पति, मुखिया तो किसी की मां, बहन, बेटी और पत्नी की मौत होती है। यह हादसे उन परिवारों को जिदगी भर का दर्द देते हैं। इसके बाद भी लोग इससे सबक नहीं ले रहे हैं। जिले में सड़क हादसों की वजह नशा, तेज रफ्तार वाहन व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना है। हर दिन लोगों की लापरवाही के चलते जनपद की सड़क लाल हो रही हैं। खराब सड़कें भी बन रहीं वजह
सड़क हादसे की वजह केवल तेज रफ्तार ही नहीं, बल्कि ओवरलोडेड वाहन व सड़कों पर आधे-अधूरे कार्य भी बन रहे हैं। सलेमपुर-लार मार्ग जगह-जगह टूट गया है। जिसके चलते आए दिन हादसे हो जाते हैं। यही हाल भरथुआ-भटनी मार्ग का भी है। यहां भी निर्माण कार्य होने के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। देवरिया-गोरखपुर फोरलेन व सलेमपुर-भागलपुर मार्ग पर भी जगह-जगह सड़कों के टूट जाने के चलते हादसे हो रहे हैं। इन सड़कों में जगह-जगह बड़े गड्ढे हो गए हैं और वाहन चालक तेज रफ्तार से वाहन चलाकर हादसे का शिकार हो जा रहे हैं। यह भी हैं सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार
वाहनों के फिटनेस में तो खामियां दिख ही रही हैं, निजी वाहनों की तो लोग समय-समय पर जांच करा लेते हैं, लेकिन सरकारी वाहनों की फिटनेस काफी खराब नजर आती है। शहर में तो सड़क की पटरियों को वाहन स्टैंड के रूप में प्रयोग किया जाने लगा है। शहर के मालवीय रोड की दोनों पटरी व बीच में भी वाहन खड़ा किए जा रहे हैं। इसके अलावा सिविल लाइन रोड की दोनों पटरी, सलेमपुर उपनगर की सड़क की पटरियों पर वाहन खड़ा कर वाहन स्टैंड के रुप में प्रयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं, कोतवाली व थानों पर पकड़े गए वाहनों को गेट पर ही खड़ा कर दिया जाता है, इन वाहनों की वजह से भी आए दिन हादसे हो जाते हैं। यातायात नियमों की अनदेखी से भी हो रहे हादस
जिले में यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। किशोरों को भी वाहन उपलब्ध करा दिए जा रहे हैं और किशोर तेज रफ्तार से सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। न तो उनके पास डीएल है और न ही कोई अन्य कागजात। इसके अलावा बाइक चलाते समय न तो किशोर हेलमेट पहने नजर आ रहे हैं और नहीं बड़े-बुजुर्ग। जबकि चार पहिया वाहन चालक भी सीट बेल्ट का प्रयोग करते नजर नहीं आ रहे हैं। यह भी हादसे के मुख्य कारण बन रहे हैं। इस पर दें ध्यान
-यातायात नियमों का पालन करें।
-नाबालिग व युवा वर्ग को स्पीड वाले वाहन ने दें।
-बिना डीएल के युवाओं को किसी भी दशा में वाहन न दें।
-शराब पीकर चार पहिया या बाइक कदापि न चलाएं।
-देवरिया शहर के साथ ही जिले के सभी नगर पंचायतों में वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। बढ़ रहे वाहन, परेशानी का सबब
-चार पहिया वाहन लगभग 20 हजार
-दो पहिया लगभग 4.50 लाख
-ट्रक लगभग 2200
-ट्रैक्टर लगभग 10000
-ई-रिक्शा लगभग ढाई हजार
-बस 700
-स्कूल बस 400
-जीप टैक्सी 600 नहीं है ट्रैफिक सिग्नल
देवरिया में ट्रैफिक सिग्नल नहीं है, शहर के 24 स्थानों पर ट्रैफिक पोस्ट बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। लेकिन सिर्फ पांच स्थानों पर ही ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है। यातायात नियमों का सभी लोगों को पालन करने की आवश्यकता है। जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इसके साथ ही जनहानि व अन्य तरह के नुकसान से बचा सके। यातायात व्यवस्था में सभी को सहयोग करना चाहिए।
सौरभ सिंह, उप जिलाधिकारी, सदर नाबालिग व युवा वर्ग के तेज रफ्तार वाहन चलाने के चलते ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही है, तेज रफ्तार, लापरवाही पूर्वक व शराब की नशे में वाहन चलने से ही दुर्घटनाएं हो रही है। यातायात नियमों का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाएं जनपद में घट जाएगी।
रामवृक्ष यादव,यातायात उप निरीक्षक सर्वाधिक दुर्घटनाएं यातायात नियमों का पालन न करने के चलते हो रहा है। बाइक सवार हर हाल में हेलमेट का प्रयोग करें, सर्वाधिक मौतें बिना हेलमेट के चलने से हो रही है।
रजनीश पटेल, प्रमुख, अब्दुल कलाम वेलफेयर सोसाइटी वाहनों के तेज रफ्तार के चलते सर्वाधिक सड़क हादसे हो रहे हैं, संयम से वाहनों को चलाया जाए और यातायात नियमों का पालन कर सड़क हादसे को रोका जा सकता है।
रोहित राय,ब्राइट फ्यूचर