कब तक कोसेंगे व्यवस्था को, खुद भी सुधरिए
देवरिया : आम तौर पर समस्याओं को लेकर हमें नगर अथवा जिला प्रशासन को कोसने की आदत है। कि
देवरिया : आम तौर पर समस्याओं को लेकर हमें नगर अथवा जिला प्रशासन को कोसने की आदत है। किसी भी समस्या के लिए दूसरे को जिम्मेदार ठहराना हमारी आदत में शुमार हो गया है। व्यवस्था में सुधार की अपेक्षा तो रखते हैं, लेकिन खुद सुधरने को तैयार नहीं हैं। शहरवासी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। कई मोहल्लों में लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है तो इसके लिए नपा के साथ हम भी जिम्मेदार हैं। हम अपने दरवाजे अथवा दुकान पर लगी टोटी को उपयोग करने के बाद बंद नहीं करते हैं। लिहाजा पानी नाले में गिरता रहता है।
जागरण द्वारा चलाए जा रहे जलदान अभियान के तहत जागरण टीम ने मंगलवार को शहर की दुकानों सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट पर जल की बर्बादी पर नजर दौड़ाई तो व्यवस्था के बराबर लोग खुद जिम्मेदार दिखे। सिविल लाइन पर रोडवेज गेट के निकट पूर्वी पटरी पर तीन व कलेक्ट्रेट के निकट पश्चिमी पटरी पर पर स्थित दो जलपान की दुकानों पर लगा टोटी खुला होने से पानी नाले में जा रहा था। पोस्टमार्टम चौराहा पर लगे स्टैंड पोस्ट की टोटी से पानी गिर रहा था। जैसे दुकानदारों को यह बर्बादी दिख ही नहीं रही है। पानी के सहारे दुकानदारी चलाने वाले लोगों की पानी के प्रति इतनी बेपरवाही हमारी समझ पर सवाल खड़े कर रही थी।
भटवलिया चौराहा स्थित एक दुकान के सामने लगी टोटी से पानी नाले में जा रहा था। मुंसिफ कालोनी की तरफ जाने वाली सड़क के किनारे लगे स्टैंड पोस्ट में टोटी नहीं लगी थी, जिससे पानी बर्बाद हो रहा था। राघव नगर दुर्गा मंदिर तिराहा पर स्थित हैंडपंप के निकट लगी सार्वजनिक टोटी से पानी नाले में जा रहा था। किसी कि भी नजर उस टोटी पर नहीं जा रही थी।