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मरीजों के घर पोस्टर चस्पा कर जागरूक कर रहीं फ्रंटलाइन वर्कर

शहर व ग्रामीण क्षेत्र में आशा संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के घर पोस्टर चस्पा कर जानकारी दी जा रही है। सावधानी ही हमारी सुरक्षा है मैं संक्रमित हूं मैं स्वस्थ्य होने तक आपसे नहीं मिल सकूंगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:10 PM (IST)
मरीजों के घर पोस्टर चस्पा कर जागरूक कर रहीं फ्रंटलाइन वर्कर
मरीजों के घर पोस्टर चस्पा कर जागरूक कर रहीं फ्रंटलाइन वर्कर

देवरिया: कोरोना की रोकथाम के लिए हर कोई प्रयास कर रहा है। आशा कार्यकर्ता गांव-गांव में पोस्टर चस्पा कर ग्रामीणों को कोरोना के बारे में जागरूक कर रही हैं। वह होम क्वारंटाइन किए गए कोरोना मरीजों के घर जाकर उपचार किट दे रही हैं।

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शहर व ग्रामीण क्षेत्र में आशा संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के घर पोस्टर चस्पा कर जानकारी दी जा रही है। सावधानी ही हमारी सुरक्षा है, मैं संक्रमित हूं, मैं स्वस्थ्य होने तक आपसे नहीं मिल सकूंगा। यदि आप मेरे सम्पर्क में आए हुए हो तो आप कोरोना की जांच कराए। इसी प्रकार 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक तत्काल स्वास्थ्य केंद्र जाकर टीका लगवाएं। साथ ही यह समझाया जा रहा कि पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना कोरोना के केस मिल रहे हैं। रघुनाथपुर की आशा कार्यकर्ता रंजना कुशवाहा बताती हैं कि लोगों को सलाह दी जा रही है कि घर से निकलें तो मास्क पहनकर ही निकलें। साथ ही अगर कोविड हो गया है तो खुद को स्वच्छ और हवादार कक्ष में क्वारंटाइन कर लें। चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार दवाओं का सेवन करते रहें।

डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आशा व आशा संगिनी लोगो को कोरोना के प्रति हर रोज जागरूक कर रही है। होम क्वारंटाइन किए गए कोरोना मरीजों के घर जाकर उपचार किट दे रही हैं। आत्मविश्वास से कोरोना को हराया

मुझे आठ माह पहले कोरोना हो गया। मैं काफी परेशानी में था। खांसी, बुखार के साथ सांस लेने तक में दिक्कत होने लगी। जब मैंने टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट पाजिटिव आ गया। अस्पतालों में इलाज कराने में काफी समस्या थी। मैं घबराया नहीं तथा आत्मविश्वास के साथ चिकित्सक के सलाह पर दवाइयां लेने लगा। इसी दौरान मैंने प्रतिदिन मार्निंग वाक के साथ-साथ व्यायाम, योग और प्राणायाम करना प्रारंभ किया। चाय पीना छोड़ दिया और नित्य तीन बार काढ़ा का सेवन किया। गरम पानी में नीबू निचोड़ कर पीता था। सुबह - शाम भाप लिया करता था। लौंग एवं अजवाइन का सेवन किया। कभी मस्तिष्क में नकारात्मक विचार नहीं आने दिया और टीवी देखता तथा गाना सुना करता था, ताकि कोई नकारात्मक विचार न बन सके। लगातार 28 दिन तक घर में ही आइसोलेट रहा। इस दौरान मैं घबराया नहीं तथा हिम्मत बनाए रखा। उसके बाद जब पुन: मैंने कोविड टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इस तरह मैं कोरोना से जीता।

-भूपेन्द्र कुशवाहा, जमुई, सलेमपुर


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