राम-सीता विवाह का भावपूर्ण मंचन
इस मौके पर जयकारे व बधाइयों से माहौल भक्तिमय हो गया।
देवरिया: क्षेत्र के बरांव में आयोजित रामलीला में रविवार को राम-सीता विवाह का मंचन किया गया। धनुष तोड़ने के बाद सीता ने जयमाल राम के गले में डाल दिया। गुरु विश्वामित्र की सलाह पर लोकरीति से विवाह संपन्न करने के लिए राजा दशरथ को राजा जनक ने न्योता भेजा। निमंत्रण मिलते ही अवध में बधाइयां बजने लगी। तीनों माताओं के महल में मंगल गीत होने लगे। भरत व शत्रुघ्न बरात की तैयारी में लग गए। चारो तरफ उत्साह ही उत्साह दिखाई दे रहा था। मिथिला में बारातियों का नगरवासियों ने स्वागत किया। महिलाओं ने मंगलगीत के साथ गारी गा कर बरातियों का स्वागत किया। कलाकारों ने लोक गीत व नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राम-हिमांशु, लक्ष्मण-अभय, भरत-आयुष, शत्रुघ्न ओम, जानकी छोटू मिश्र, दशरथ श्रीराम पांडेय, जनक राजेश पांडेय के अभिनय को दर्शकों ने सराहा।
उपनगर स्थित बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर के समीप आयोजित राम लीला का मंचन किया गया। लंका में पहुंच कर हनुमान माता सीता की खोज करते हैं। जहां लंका के राक्षस वीर हनुमान को पकड़ कर लंकेश रावण के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। जहां मंत्रियों की राय से हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई जाती है। हनुमान पल भर में लंका को जलाकर प्रभु श्री राम के पास पहुंचकर लंका के भेद को बताते हैं। दर्शक इस मार्मिक लीला को देखकर झूम उठे। लीला का उद्घाटन इंद्रजीत उर्फ साधु पटेल ने किया।