श्रीगोदा गोविद विवाह महोत्सव में झूमे श्रद्धालु
श्रीमद्भागवत का आचार्यों द्वारा सप्ताह क्रम से पाठ चल रहा है। सायंकाल स्वर्णिम झूले पर गोदा देवी को विराजमान कराकर हल्दी चढ़ाई गयी।
देवरिया: शहर के कसया रोड पर स्थित श्रीतिरुपति बालाजी मंदिर में श्रीगोदा गोविद विवाह महोत्सव के दूसरे दिन भक्तों से मंदिर परिसर खचाखच भरा रहा। महिलाएं विवाह के मंगलगीत गा रहीं थीं। प्रात: काल चार बजे विश्वरूप दर्शन के बाद नित्य भगवदाराधन, मंत्रपुष्प, अर्चना, तिरुपावै का पाठ, नित्य सवारी, शात्तुमोरा, हिन्दी तिरुपावै का सामूहिक पाठ के बाद बालाजी का विविध प्रकार का व्यंजन प्रसाद बांटा गया। मंदिर में पूजन अर्चन से समूचा माहौल भक्तिमय हो गया।
श्रीमद्भागवत का आचार्यों द्वारा सप्ताह क्रम से पाठ चल रहा है। सायंकाल स्वर्णिम झूले पर गोदा देवी को विराजमान कराकर हल्दी चढ़ाई गयी। महामण्डपम में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राजनारायणाचार्य ने संबोधित करते हुए कहा कि आजकल लोग अपने को ऋषि कहने में भी संकोच नहीं करते हैं, पर वे ऋषि नहीं हो सकते। मंत्रद्रष्टा को ऋषि कहा जाता है। यदि इस समय ऋषि कहलाने योग्य वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने कोरोना जैसी महामारी के निदान के लिए भारत में ही वैक्सीन तैयार कर दिया है।
यहां श्रीप्रद्युम्न तिवारी, चन्द्रशेखर मिश्र, मनोज सिंह गुड्डु, रमेश बरनवाल, अशोक कुमार अग्रवाल, विष्णु मिश्र, राजेश राय, प्रभुदयाल जायसवाल, सत्यप्रकाश कमानी, देवदत्त केजरीवाल, संतोष बरनवाल, सतीश बरनवाल आदि उपस्थित थे।
श्रीश्याम अखंड ज्योति पाठ से भक्तिमय हुआ माहौल
देवरिया: शहर के श्रीश्याम मंदिर में सुबह 11 बजे से श्रीश्याम अखंड ज्योति पाठ शुरू हुआ और शाम को साढ़े सात बजे पूर्णाहुति की गई। कानपुर की नृत्य नाटिका द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई। श्याम के चरित्र पर इस टीम ने मंचन किया। अखंड ज्योति पाठ श्याम शर्मा व अरुण पांडेय ने किया। मंदिर को भव्य रूप में सजाया गया। शोक अग्रवाल ने कहा कि श्याम प्रभु को शीश का दानी, हारे का सहारे, तीन बाण धारी कहा जाता है। यहां मुख्य रूप से सज्जन केजरीवाल, कृष्ण मुरारी शर्मा, राकेश गाडिया, विनोद लाट, अशोक कुमार अग्रवाल, कन्हैया खेतान, रत्नाकर उपाध्याय, विष्णु मिश्रा, अनिरुद्ध गुप्ता, गनेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।