नौनिहालों को किताब व बैग का इंतजार
एक जुलाई से विद्यालयों के खुल गए हैं ताले आनलाइन हो रही छात्रों की पढ़ाई किताब के अभाव में पढ़ाई प्रभावित
जागरण संवाददाता, देवरिया: विद्यालयों के ताले भले ही खूल गए हैं, लेकिन शिक्षा व्यवस्था अभी पटरी पर नहीं आ सकी है। कोरोना संक्रमण के चलते छात्रों को विद्यालय बुलाने की बजाय उनको आनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है। अभी तक छात्रों को न तो जूता मिला है और न किताब। नतीजा यह है कि जुलाई का एक पखवारा बीतने को है, किताब नहीं मिलने के चलते नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहालों को हर वर्ष जून माह में ही ड्रेस, किताब, बैग व जूता मिल जाता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक छात्रों के पास तक किताब तक नहीं पहुंच सकी है। केवल आन-लाइन पढ़ाई हो रही है। अधिकांश छात्रों के पास मोबाइल न होने के चलते प्रेरणा साथी उनका सहयोग कर रहे हैं। बहुत से प्रेरणा साथी निश्शुल्क शिक्षा दिए जाने के चलते इसमें रुचि भी नहीं ले रहे हैं। किताब न होने के चलते नौनिहालों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
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ड्रेस का रुपये खाते में भेजने की तैयारी
शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर पर छात्रों के ड्रेस का रुपये उनके स्वजन के खाते में भेजने की तैयारी चल रही है। हालांकि अभी तक किसी भी छात्र के खाते में रुपया नहीं आया है। जिले के 2213 परिषदीय विद्यालयों में कुल दो लाख छह हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं।
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किताब का वितरण जल्द ही छात्रों के बीच कर दिया जाएगा। अभी बैग, ड्रेस नहीं आया है। आते ही उसका भी वितरण करा दिया जाएगा।
संतोष कुमार राय
बीएसए