मुक्तिधाम घाट पर शव रखकर किया बवाल, पुलिस ने भांजी लाठियां
दोहरे हत्याकांड का मामला आश्रितों को नौकरी व 50-50 लाख रुपये मुआवजा की कर रहे थे मांग
जागरण संवाददाता, बरहज: चकरा नोनार गांव के सगे भाइयों रमेश यादव व कोकिलनंद यादव के शव का अंतिम संस्कार से पहले बुधवार को सरयू तट स्थित मुक्तिधाम घाट पर जमकर बवाल हुआ। घाट पर शव रखकर स्वजन ने चार घंटे तक धरना दिया। स्वजन 50-50 लाख रुपये आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी दिए जाने व घायलों के समुचित इलाज की मांग कर रहे थे। उनका पुलिस से झड़प हुई और पुलिस ने लाठियां भांजी, जिसमें दोनों मृतकों की पत्नियों समेत पांच महिलाएं व दो युवक घायल हो गए। एसडीएम ध्रुव कुमार शुक्ल व सीओ देव आनंद से वार्ता के बाद स्वजन ने मांगों का ज्ञापन सौंपा और उसके बाद शवों का अंतिम संस्कार हुआ।
मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस सुरक्षा में रात करीब 10 बजे दोनों शव घर लाए गए थे। पुलिस सुबह अंतिम संस्कार के लिए मुख्य मार्ग की बजाय पगडंडियों के रास्ते शवों को लेकर मुक्तिधाम पहुंची। वहां पुलिस से ग्रामीणों व स्वजन की झड़प हो गई। पुलिस ने लाठियां भांजकर लोगों को खदेड़ा, जिसमें मृतक रमेश यादव की पत्नी चंद्रावती देवी, मृतक कोकिलनंद की पत्नी रीता देवी, उनकी भाभी मनभावती देवी, बिदू देवी, रोहित सिघानिया, ओमप्रकाश, शिवम यादव को चोटें आईं। पुलिस ने वीडियो बना रहे रोहित, शिवम, ओमप्रकाश के मोबाइल को तोड़ दिया। पुलिस की पिटाई से माहौल बिगड़ गया। शव रखकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। पूर्व विधायक स्वामीनाथ यादव, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गेनालाल यादव, दिनेश यादव पहुंच गए। इस दौरान जयप्रकाश मिश्र, राधारमण पांडेय, जयशंकर यादव, दिनेश यादव, डा.सोमनाथ यादव, बृजेश यादव, मुन्ना यादव, धीरेंद्र प्रताप यादव, व्यास यादव, मुन्ना यादव आदि मौजूद रहे। खुखुंदू, मईल, एकौना, मदनपुर, भलुअनी के मुकेश मिश्र आदि थानों की पुलिस मौजूद रही।
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