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गायघाट में कटान जारी, तटबंध पर खतरा बरकरार

ड्रोन कैमरे की मदद से नदी की धारा की हो रही निगरानी एक सप्ताह से बचाव कार्य जारी अभी तक नहीं मिली सफलता

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 11:43 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 11:43 PM (IST)
गायघाट में कटान जारी, तटबंध पर खतरा बरकरार
गायघाट में कटान जारी, तटबंध पर खतरा बरकरार

जागरण संवाददाता मदनपुर, देवरिया: भले ही राप्ती नदी का जलस्तर कम हो रहा है लेकिन नकइल-सेमरौना तटबंध के संवेदनशील बिदु गायघाट में कटान थमने का नाम नही ले रहा है। कटान रोकने के लिए बाढ़ विभाग के अधिकारी बंधे पर कैंप कर रहे हैं। बंधे पर नदी के कटान को देखकर आसपास के गांव के लोगों की चिता बढ़ गई है।

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सप्ताह भर से बांध पर हो रही कटान रोकने के लिए बल्ली व सीमेंटेड पारकोपाइन, बम्बो क्रेट्स आदि से कटान रोकने के उपाय फिलहाल नाकाफी साबित हो रहा है। कटान स्थल पर बांध को बचाने के लिए बाढ़ विभाग की तरफ से मजदूर लगाए गए हैं। अनुरक्षण का काम लगातार जारी है।

नकइल-सेमरौना बांध के किनारे बसा गांव तलसपुरवा भी राप्ती नदी का कोपभाजन बन रहा है। नदी कटान करते बांध के करीब होती जा रही है। नदी के बदलते रुख से परेशान विभाग ड्रोन कैमरे की मदद ले रहा है। जिसके जरिए कटान के साथ ही धारा की निगरानी की जा रही है। नदी की धारा तेज कटान कर रही है। स्थिति पर नजर रखने के लिए बाढ़ विभाग के अवर अभियंता मार्कण्डेय पाल व केपी त्रिपाठी तटबंध पर कैंप कर रहे हैं। लगातार बाढ़ की वजह से प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारा का संकट हो गया है। कटान की स्थिति यथावत बनी हुई है। बचाव कार्य जारी है। नदी का पानी पूरी तरह नीचे उतरने के बाद ही हालात सामान्य हो पाएगा। बांध को किसी भी तरह का खतरा नहीं होने दिया जाएगा। सचिन अग्रवाल,

सहायक अभियंता, बाढ़ खण्ड, देवरिया।


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