डेढ़ साल बाद भी धरातल से दूर देवरिया बाइपास
पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की थी घोषणा
देवरिया: देवरिया बाइपास लेटलतीफी का शिकार हो गई है। तमाम कोशिशों के बाद भी डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया अधूरी है। 19 माह से लोग बाइपास निर्माण कार्य शुरू होने की टकटकी लगाए हैं। ऐसे में जिम्मेदारों के रवैये पर सवाल उठने लगा है।
डेढ़ वर्ष पहले राजस्थान के मनोनीत राज्यपाल कलराज मिश्र जब देवरिया के सांसद थे तो उनकी पहल पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने पहले कार्यकाल में देवरिया आए थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देवरिया बाइपास एनएच 727ए की घोषणा की थी। घोषणा हुए 19 माह बीत गए, लेकिन अभी तक डीपीआर तैयार नहीं हो सका। देवरिया के लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड कार्यालय के पहले तल पर एनएच कार्यालय भी नवंबर 2018 में खुल गया। यहां एक सहायक अभियंता, दो जेई व आठ कर्मचारियों की तैनात भी कर दी गई। मार्च में सोनूघाट की तरफ से 4.9 किलोमीटर तक एलाइनमेंट तैयार कर गजट के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया था। मार्च में गजट का प्रकाशन हो गया, जिसमें लाहिलपार उर्फ रतनपुर, चक देवरिया, चक सराय बदलदास, घटैला चेती उर्फ चकबंदी, घटैला गाजी, पड़री, परसिया भंडारी, सोनूघाट गांव के किसानों की 23.6980 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है। पांच माह बाद भी अगले हिस्से का एलाइनमेंट तैयार कर गजट नहीं हो सका है। विभागीय लोगों का कहना है कि शासन से देरी हो रही है। मार्च तक डीपीआर तैयार होने की उम्मीद है।
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देवरिया बाइपास का डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। उम्मीद है जल्द डीपीआर तैयार हो जाएगा।
-एके सिंह, अधिशासी अभियंता, एनएच वाराणसी
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देवरिया बाइपास एक नजर में..
केंद्रीय मंत्री द्वारा देवरिया बाइपास के घोषणा की तारीख: 25 जनवरी 2018
प्रस्तावित बाइपास की अनुमानित लागत: 600 करोड़
प्रस्तावित बाइपास की लंबाई: 15 किमी
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