डायरिया से भाई-बहन की मौत, आधा दर्जन पीड़ित
मदनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मदनपुर के बनकट टोला में इन दिनों डायरिया ने पांव पसार दिया है। चार दिनों के अंदर भाई-बहन की मौत हो चुकी है। आधा दर्जन लोग पीड़ित हैं। रविवार को जिलाधिकारी अमित किशोर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और जानकारी ली।
देवरिया: मदनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मदनपुर के बनकट टोला में इन दिनों डायरिया ने पांव पसार दिया है। चार दिनों के अंदर भाई-बहन की मौत हो चुकी है। आधा दर्जन लोग पीड़ित हैं। रविवार को जिलाधिकारी अमित किशोर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और जानकारी ली। साथ ही गांव में साफ-सफाई रखने की बात कहते हुए दवा भी वितरित किया। उधर डायरिया से पीड़ितों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुद्रपुर में भर्ती कराया गया है, जिसमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है।
गांव के राजन कुमार के लड़के अजीत की तबीयत बुधवार की रात खराब हुई और उल्टी-दस्त शुरू हो गया। इलाज कराने में परिजन जुट गए, लेकिन चौबीस घंटे के अंदर अजीत ने जिला अस्पताल में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। अभी इस दुख को राजन सहन भी नहीं कर सका था कि उसकी दस वर्षीया बेटी ज्योति को भी शनिवार की रात उल्टी-दस्त शुरू हो गई। साथ ही आरती 35 पत्नी कमलेश, श्रीमती फूलमती पत्नी स्व.तीरथ भी डायरिया से पीड़ित हो गई। इलाज के लिए तीनों को रुद्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान राजन की बेटी ज्योति ने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले गए। रविवार की सुबह परिजनों के साथ ही ग्रामीण ज्योति का शव लेकर थाने पर पहुंचे, जहां थानाध्यक्ष ने जिलाधिकारी से बातचीत कर पूरे प्रकरण से अवगत कराया। जिलाधिकारी अमित किशोर ने सीएमओ व एसडीएम रुद्रपुर को स्वास्थ्य टीम भेजने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य टीम डा.गणेश गुप्ता के नेतृत्व में गांव पहुंची, उसके पहले ग्रामीणों ने एंबुलेंस के जरिये फूलमती, आरती, राजन की पत्नी नंदनी, बेटी अमोली, बेटा सचिन, गुलाब पुत्र तीरथ को रुद्रपुर सीएचसी भिजवा दिया था। स्वास्थ्य टीम ने मोहल्ले के लोगों से साफ-सफाई पर ध्यान देने की बात कही। डा.गुप्ता ने कहा कि यह डायरिया है। पीड़ित लोगों का उपचार चल रहा है।
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चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप
मृतका ज्योति के परिजनों का आरोप है कि जब वह ज्योति को लेकर रुद्रपुर अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सक ने उसे भर्ती कर लिया, लेकिन जब उसकी हालत खराब होने लगी तो चिकित्सक वहां मौजूद नहीं थे। एक कर्मचारी को जगाकर लाने के बाद उसने बताया कि देवरिया लेकर जाओ या घर। इसके बाद परिजन घर लेकर चले गए। परिजनों का कहना है कि अगर चिकित्सक ने अच्छी तरह से उपचार किया होता तो ज्योति की जान बच जाती।
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