तीस लाख रुपये लेकर ग्राहक सेवा केंद्र संचालक फरार, मुकदमा दर्ज
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के चरियांव खास टोला गोपाल चक निवासी रविद्र सिंह पुत्र रामविलास सिंह एसबीआइ का ग्राहक सेवा केंद्र देवकुंआ में चलाता था।
देवरिया: भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र देवकुआं के संचालक द्वारा तीस लाख रुपये ग्राहकों का लेकर फरार होने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में मंगलवार की रात पुलिस ने संचालक के खिलाफ गबन व धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश भी दी, हालांकि देर रात तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के चरियांव खास टोला गोपाल चक निवासी रविद्र सिंह पुत्र रामविलास सिंह एसबीआइ का ग्राहक सेवा केंद्र देवकुंआ में चलाता था। दिसंबर माह में ग्राहकों ने लेनदेन में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद जिला प्रबंधक सीएससी ई-गवर्नेस सर्विस लिमिटेड अभिमन्यु शर्मा ने इसकी जांच की। जब ग्राहक सेवा केंद्र संचालक से कागजात मांगे तो वह देने की बजाय घर पर होने की बात कहा और फरार हो गया। 90 ग्राहकों ने तीस लाख रुपये गबन करने का आरोप लगाते हुए एसबीआइ को शिकायत की है। इस मामले में अभिमन्यु शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने संचालक रविद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्रभारी निरीक्षक गिरिजेश तिवारी ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है। जल्द ही संचालक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
रुपये दिलाने की मांग को लेकर डीएम से मिलने पहुंचीं महिलाएं
देवरिया: गौरीबाजार क्षेत्र की बड़ी तादाद में महिलाएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंची। महिलाओं ने लंगड़ी चौराहा पर स्थित स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक पर लाखों रुपये लेकर फरार होने का आरोप लगाते हुए रुपये दिलाने की मांग की। डीएम के न मिलने पर मुख्य राजस्व अधिकारी अमृतलाल बिद को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की। महिलाओं का कहना था कि गौरीबाजार क्षेत्र के तेन्दुबारी गोपालचक निवासी एक व्यक्ति देवकुंआ लंगड़ी चौराहा पर ग्राहक सेवा केंद्र चलाता था। इलाके के कई गांवों के लोगों ने बचत खाता खोल रखा था। आरोप है कि संचालक चार जनवरी को धोखाधड़ी कर लाखों रुपये लेकर फरार हो गए। शाखा प्रबंधक व गौरीबाजार पुलिस को कई बार प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम सभी महिलाएं असहाय व गरीब हैं। इसलिए जिले से उच्चाधिकारियों की समिति बनाकर मामले की जांच कराई जाए और साथ रुपये वापस कराएं। महिलाओं ने बताया कि मंजू देवी का एक लाख तीन हजार, वीरेंद्र का 55 हजार, श्रीमती देवी का पैतालीस हजार, आशा देवी का 39 हजार 623 रुपये, ज्ञांती देवी का व श्रवण कुमार का 40-40 हजार रुपये, कनकलता का पचास हजार, सोनी देवी का एक लाख 13 हजार 100 रुपये, श्रीकिशुन का 33600, संगीता देवी का तीस हजार, किताबी देवी का 36 हजार 500 रुपये समेत सौ से अधिक ग्राहकों का लाखों रुपये फरार है। ज्ञापन देने वालों में मंजू देवी, आरती देवी, फुलझरी देवी, बादामी देवी, इंदू देवी, बच्ची देवी आदि मौजूद रहीं।