जिला अस्पताल में बढ़ी भीड़, रोगियों का हंगामा
देवरिया: महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में सोमवार को रोगियों की भीड़ अचानक बढ़ने से पूरी चिकित्सकीय व्यवस्था लाचार दिखी। ओपीडी, पैथालाजी, एक्स-रे, अल्ट्रा साउंड विभाग में रोगियों की सर्वाधिक भीड़ रही। ओपीडी में रोगी को दिखाने के लिए साथ आए तीमारदारों ने कई बार हंगामा किया। जिससे मारपीट की नौबत आई। शोर सुन पहुंचे होमार्डों व सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को संभाला। इमरजेंसी में भीड़ के चलते कई रोगी फर्श पर लेटे उपचार की प्रतीक्षा करते रहे।
ओपीडी में चेस्ट रोग विभाग में डा. डीके सिंह, दंत रोग विभाग में डा. अजीज अहमद, फिजीशियन विभाग में डा. शिराजुद्दीन, शिशु एवं बाल रोग विभाग में डा. एचके मिश्र, डा. आरसी श्रीवास्तव, नाक, कान गला रोग विभाग में डा. महेन्द्र प्रसाद, अल्ट्रासाउंड कक्ष में डा. टीएन झा ने रोगियों का उपचार किया।
हड्डी रोग विभाग में सिर्फ एक डाक्टर ने किया उपचार
हड्डी रोग विभाग में सिर्फ एक डाक्टर मौजूद रहे। यहां सिर्फ डा. पीएन कन्नौजिया ने रोगियों का उपचार किया। अन्य हड्डी रोग के डाक्टरों के कक्ष में ताला लटका रहा। ऐसे में हड्डी के रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पैथालाजी में जांच व रिपोर्ट को लेकर परेशानी
पैथालाजी में रोगियों की भीड़ के कारण यहां जांच रिपोर्ट लेने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ी। इसके बाद भी अधिकांश रोगियों के हाथ निराशा लगी। जांच पूरा नहीं होने पर उन्हें अगले दिन बुलाया गया। यहां धूप में रोगी लाइन लगा कर जांच रिपोर्ट के लिए खड़े रहे। यहां सुगर समेत कई जांच नहीं हो सकी।
किसी को दवा तो किसी को नहीं मिला स्ट्रेचर
रामनाथ देवरिया की रंभा देवी ने बताया कि मेरे बच्चे के पैर की हड्डी टूट गई है। डाक्टर ने दवा लिखा है जिसमें कैल्शियम की दवा नहीं मिली है। बाहर से खरीदने जा रही हूं। न्यू कालोनी के बलदेव ने बताया कि मेरा नाती बीमार है, चार में दो दवा मिली है, एजीथ्रो सीरप व गैस की दवा नहीं मिली है। उधर साकेत नगर के राजमंगल गोंड ने बताया कि अपनी बूढ़ी मां को दिखाने आया हूं। ह्वील चेयर व स्ट्रेचर के लिए परेशान हूं। नहीं मिलने पर उसे टांग कर सहारा देकर ले आया हूं। राम गुलाम टोला के संजय भी ह्वील चेयर के लिए परेशान रहे।
जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या अचानक बढ़ने से थोड़ी अव्यवस्था हुई। भीड़ के बावजूद रोगियों को डाक्टरों ने बेहतर उपचार दिया। जहां भी समस्या दिख रही है। उसका समाधान किया जा रहा है। स्ट्रेचर एक रोगी ले रहा है तो पूरा उपचार कराने के बाद दे रहा है। इसलिए परेशानी हो रही है।
डा. एएम वर्मा, सीएमएस, जिला अस्पताल