मछुआरों की रोजी पर कोरोना का कहर
देवरिया कोरोना संकट का असर अब खाने-पीने की चीजों पर भी पड़ने लगा है। नदियों में शव मिलने
देवरिया: कोरोना संकट का असर अब खाने-पीने की चीजों पर भी पड़ने लगा है। नदियों में शव मिलने की अफवाह के बाद मछली के शौकीन अब उसे खाने से परहेज कर रहे हैं। इसके कारण मछलियों की बिक्री कम हो गई है और मछुआरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ने लगा है।
बरहज क्षेत्र के कपरवार, कटइलवा, बरहज, केवटलिया, रामपुर कोटवा, पैना, तेलिया शुक्ल, भागलपुर में सैकड़ों परिवार नदी से मछली पकड़कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस वक्त बिक्री न होने से परेशान हैं। कपरवार के दीपक साहनी, रामकृपाल साहनी, कटइलवा के मिश्रीलाल, बहादुर साहनी बताते हैं कि जबसे नदी में शव बहाने की खबर आई है, बिक्री कम हो गई है। प्रतिदन 10 से 15 किलो मछली पकड़ कर बेचते थे। लोग घाट पर आकर खरीद कर ले जाते थे, इससे परिवार का खर्च चल जाता था। अब बहुत कम लोग आ रहे हैं। नाव नदी के किनारे खड़ी हो गई हैं।
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बरसात में नुकसान की आशंका
डा. अमित राय बताते हैं कि मछली के सेवन से दमा, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है, लेकिन फायदा पहुंचाने वाली मछली बारिश के मौसम में नुकसान भी पहुंचा सकती है। बरसात का मौसम मछलियों और बाकी जलीय जीवों के प्रजनन का समय होता है, इसलिए इन दिनों में इनका सेवन करने से फूड प्वाइजनिग की समस्या या पेट संबंधी दूसरी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ सकता।
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मछली खाने से इम्युनिटी बढ़ती है। बाजार में आंध्र प्रदेश की मछलियों की आवक है। कोरोना संक्रमण के कारण लोग परहेज कर रहे हैं।
नन्दकिशोर
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
मत्स्य विभाग