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कर्ज में दबे व्यापारी ने आत्म हत्या व धर्म परिवर्तन की दी धमकी

लार उपनगर के शमशीर मोहल्ला निवासी कर्ज में दबे एक बिस्कुट व्यापारी ने कर्ज के चलते आत्महत्या करने व धर्म परिवर्तन की बात कही है। पर्चा व वीडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार को प्रशासन के कान खड़े हो गए। उप जिलाधिकारी व तहसीलदार मौके पर पहुंच गए और व्यापारी से बातचीत की। साथ ही एसडीएम ने पूरे मामले की तहकीकात करने के साथ ही मामले का जल्द कोई रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 11:45 PM (IST)
कर्ज में दबे व्यापारी ने आत्म हत्या व धर्म परिवर्तन की दी धमकी
कर्ज में दबे व्यापारी ने आत्म हत्या व धर्म परिवर्तन की दी धमकी

देवरिया : लार उपनगर के शमशीर मोहल्ला निवासी कर्ज में दबे एक बिस्कुट व्यापारी ने कर्ज के चलते आत्महत्या करने व धर्म परिवर्तन की बात कही है। पर्चा व वीडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार को प्रशासन के कान खड़े हो गए। उप जिलाधिकारी व तहसीलदार मौके पर पहुंच गए और व्यापारी से बातचीत की। साथ ही एसडीएम ने पूरे मामले की तहकीकात करने के साथ ही मामले का जल्द कोई रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है। मोहल्ले के निवासी एहतशाम उर्फ पप्पू बिस्कुट व टाफी का बड़ा कारोबारी रहा है। उसने कारोबार के लिए यूनियन बैंक व अन्य लोगों से भी करीब 25 लाख रुपये कर्ज ले रखा है। अब वह कर्ज नहीं भर पा रहा है। स्थिति बिगड़ती देख व कर्ज से परेशान होकर पप्पू ने एक वीडियो बनाया है, जिसमें लोगों से मदद मांगी है। साथ ही मदद न होने पर दूसरा धर्म अपनाने की बात कही है। इससे भी मदद न मिलने पर पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेने की बात कही है। यह वीडियो व पर्चा वायरल होने के बाद शुक्रवार को प्रशासन गंभीर हो गया। एसडीएम शशिभूषण व तहसीलदार डा.संजीव कुमार राय उसके घर पहुंचे और उससे बातचीत की। उसने बैंक के साथ ही 15 और लोगों से भी कर्ज लेने की बात कही। लगभग तीन घंटे तक एसडीएम व तहसीलदार मौके पर जमे रहे।

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यह है पप्पू का तर्क

पप्पू का कहना है कि उसका व्यापार बहुत अच्छा चलता था। उसने व्यापार अच्छा चलने के चलते बैंक से कर्ज लेकर मकान भी बनवा लिया। इस बीच नोटबंदी हो गई और उसके व्यवसाय पर असर पड़ने लगा। इसके बाद उसका व्यवसाय धीरे-धीरे प्रभावित होते-होते इस समय बंद हो गया है। आठ माह से समूह व बैंक का ब्याज तक नहीं चुका पाया है। अपने समुदाय के लोगों से मदद मांगी तो सभी ने हाथ उठा दिया। इसके बाद हमने गैर समुदाय के लोगों से मदद मांगी और कर्ज चुकाने पर धर्म तक बदलने की बात कही, लेकिन उन्होंने बाद में इस पर विचार करने की बात कही। ऐसे में हम कैसे जी पाएंगे। बच्चे भी हैं, उनका भरण पोषण भी नहीं हो पा रहा है। आठ माह से तो पूरी से एक-एक रुपये के लिए मोहताज हूं।

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वीडियो वायरल होने के बाद हम गए थे। बातचीत हुई है। कर्ज तो बैंक का किसी तरह चुकाना ही होगा। फिलहाल जिन लोगों से वह कर्ज लिया है, उन्हें बुलाकर पूछताछ करूंगा। ताकि कोई रास्ता निकल जाए।

शशिभूषण, उपजिलाधिकारी, सलेमपुर

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