Move to Jagran APP

मोती बीए की रचनाएं शोध का विषय

देवरिया में कवि मोती बीए की रचनाओं को सहेजने की जरूरत बताई गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 10:08 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:04 AM (IST)
मोती बीए की रचनाएं शोध का विषय
मोती बीए की रचनाएं शोध का विषय

देवरिया: बरहज में साहित्यकार, कवि मोती बीए की 101वीं जयंती पर सोमवार को साहित्यकारों, कवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। इसमें शारीरिक दूरी का अनुपालन किया गया।

loksabha election banner

मुख्य अतिथि राम बिलास प्रजापति ने उन्हें महान लेखक, कवि, साहित्यकार बताते हुए कहाकि उनकी रचनाएं शोध का विषय है। उनकी रचनाओं, कृतियों को सहेजने की जरूरत है। उन्होंने भौतिकता को आध्यात्म से जोड़ने का काम किया। इनकी कविताएं लोकभावनाओं पर आधारित हैं और तत्कालीन समाज का बोध कराती हैं।

विशिष्ट अतिथि डॉ एसपी सिंह, अरविद कुमार त्रिपाठी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहाकि मोती बीए की रचनाएं समग्रता को समेटे हैं।

मुजफ्फर हुसैन मंसूरी ने मोती वंदना की। उनके नाम पर संग्रहालय, पुस्तकालय की स्थापना होनी चाहएि। सुभाष चन्द्र मिश्र, अभयानंद तिवारी, अरविद पाल, राकेश श्रीवास्तव व प्रिस तिवारी ने भी विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता भाल चन्द उपाध्याय व संचालन अंजनी उपाध्याय ने किया।

इसीक्रम में मोती बीए की दो कृतियों सेमर के फूल व बन बन बोलेले कोयलिया के नए संस्करण के रूप में नेट पुस्तक का विमोचन किया गया।

मोती वेलफेयर सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बच्चों की मुस्कान, राष्ट्र की शान.. शासन के निर्देश पर बाल प्रतिभागियों फैजान अंसारी, जिशान एवं अयान को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। संचालन अंजनी उपाध्याय ने किया। प्रह्लाद यादव, सूर्य नाथ सिंह, वर्तिका उपाध्याय, देवाशीष उपाध्याय मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.