पशु-पक्षियों के लिए जीवनदायिनी बना पोखरा
जागरण संवाददाता पड़री बाजार देवरिया तापमान वृद्धि से गर्मी व तपिश ने मनुष्य के साथ ही पशु-
जागरण संवाददाता, पड़री बाजार, देवरिया : तापमान वृद्धि से गर्मी व तपिश ने मनुष्य के साथ ही पशु-पक्षियों को बेहाल करना शुरू दिया है। तालाब, पोखरों व अन्य जल स्त्रोत सूखने लगे हैं, हालांकि हाल ही में हुई वर्षा से तपिस से कुछ राहत मिली है, लेकिन प्यास बुझाने के लिए बेजुबान भटक रहे हैं। ऐसी स्थित में पिपरा भानमती गांव में स्थित पोखरा जीवनदायिनी साबित हो रहा है।
विकास खंड सलेमपुर क्षेत्र के पिपरा भानमती में तीन एकड़ में स्थित पोखरे का 15 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रधान चंद्रपाल यादव की एक सोच से पोखरे को नया जीवन मिल गया। एक लाख की लागत से खोदाई कर मेड़बंदी कराकर इस जलाशय का उन्होंने सुंदरीकरण कराया, जिससे कि पशु - पक्षियों को पीने का पानी भी उपलब्ध हो सके। इसका परिणाम यह हुआ कि बारिश का जो पानी पहले बहकर निकल जाया करता था वह पोखरे में संचित होने लगा। अब इसमें हमेशा पानी रहता है। पशु-पक्षियों के साथ- साथ जीव जंतुओं के लिए यह वरदान साबित हो रहा है। पूरे दिन पक्षी आसपास पेड़ों पर झुंड के झुंड में बैठे रहते हैं। जल का महत्व प्रत्येक व्यक्ति को समझना होगा। प्राचीन काल से ही जीवन को सुरक्षित रखने का कार्य यह प्राकृतिक जलस्त्रोत कर रहे हैं। इसलिए वर्षा जल का संचयन जरूरी है।
विन्ध्याचल दूबे
सामाजिक कार्यकर्ता
------------ पोखरे में बारिश की बूंदों को इकट्ठा करना बहुत ही असरदार तकनीक है। छोटे तालाबों, पोखरों आदि में जल संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए भूमिगत पुनर्भरण के नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
डा.विनय तिवारी
पर्यावरणविद्