चार माह में 21.06 लाख का पशुओं के भूसा खाने का दावा
चार माह में 21.06 लाख रुपये का भूसा 1003 बेसहारा पशु खा गए हैं। प्रशासन ने अस्थायी तौर पर जिले में बेसहारा पशुओं को रहने के लिए 20 अस्थायी गो आश्रय स्थल की स्थापना किया है। इसमें रहने वाले पशुओं के भरण-पोषण के लिए शासन ने 37.73 लाख रुपये अवमुक्त किया है। बेसहारा पशुओं को प्रतिदिन एक पशु को 30 रुपये दिया जाता है।
देवरिया : चार माह में 21.06 लाख रुपये का भूसा 1003 बेसहारा पशु खा गए हैं। प्रशासन ने अस्थायी तौर पर जिले में बेसहारा पशुओं को रहने के लिए 20 अस्थायी गो आश्रय स्थल की स्थापना किया है। इसमें रहने वाले पशुओं के भरण-पोषण के लिए शासन ने 37.73 लाख रुपये अवमुक्त किया है। बेसहारा पशुओं को प्रतिदिन एक पशु को 30 रुपये दिया जाता है। यह धनराशि संबंधित खंड विकास अधिकारी और पशु चिकित्साधिकारी के खाते में भेज दी गई है। इन अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में स्थापित गो आश्रय स्थल को पैसा भेजा जाता है। विभाग की मानें तो अब तक तीन पशुओं की ही मौज हुई है।
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इन गांवों में बने अस्थायी गो आश्रय स्थल
देवरिया : सरकार ने विकास खंड स्तर पर जिले में बीस अस्थायी गो आश्रय स्थल का निर्माण कराई है। इसमें बैतालपुर के बलटिकरा, बनकटा के परसिया छितौनी, भागलपुर के परसिया चंदौर, भलुअनी के फतेहपुर सरसहाट, भटनी के घांटी, भाटपाररानी के भेड़ापाकड़ सरसहाट, देवरिया के मझवलिया, देसही देवरिया के रामपुर श्रीपाल, गौरीबाजार के कालाबन, रुद्रपुर के गोनाह सूरतपुरा सरसहाट, तरकुलवा के सोन्हौला रामनगर, सलेमपुर के कोला महुई पांडेय, लार के महिछापर, पथरदेवा के विशुनपुरा, रामपुर कारखाना के हरपुर कला, बरहज के वीर सिंहपुर देवपार, सलेमपुर के सलेमपुर, रामपुर कारखाना, गौरीबाजार व पुराना बसस्टेशन देवरिया शामिल है। इन गो आश्रय स्थल के निर्माण पर 33.20 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
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गो आश्रय स्थल में रह रहे पशुओं के लिए शासन ने 37.73 लाख रुपये अवमुक्त किया था, जिसको बीडीओ व संबंधित पशु चिकित्साधिकारी के खाते में भेज दिया गया है। 24 जुलाई तक 19.96 लाख रुपये खर्च किया गया है। प्रत्येक पशु के भरण पोषण पर 30 रुपये प्रतिदिन खर्च होता है। इसमें भूसा और दाना पशुओं को दिया जाता है।
डा. विकास साठे
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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